scriptहादसे ने बिखेर दी जिंदगी, मुआवजे का मलहम भी नहीं | The tragedy struck the life not the ointment of compensation | Patrika News
बालोद

हादसे ने बिखेर दी जिंदगी, मुआवजे का मलहम भी नहीं

ग्राम मालीघोरी में हुए करंट हादसे के बाद से मृतकों के परिवार सदमें हैं। दूसरे दिन घर में मातम पसरा रहा। 10 माह के अबोध बच्चे ने पिता को मुखाग्नि दी।

बालोदFeb 10, 2018 / 12:36 am

Satya Narayan Shukla

Weeds
बालोद . जिले के ग्राम मालीघोरी में हुए करंट हादसे के बाद से मृतकों के परिवार सदमें हैं। घटना के दूसरे दिन घर में मातम पसरा रहा। सब की आंखों में नमी ही नजर आ रही थी। कोई कुछ बोलने की स्थिति में नहीं थे। बस एक-दूसरे को देखकर फफक रहे थे। दुख ऐसा कि परिवार में किसी को खाने-पीने की सुध नहीं है। घर को संभालने वाला जवान बेटा ही जो कि घर से विदा हो गया है? पत्नी और बच्चों की आंखों में केवल एक ही सवाल है अब पहाड़ जैसा जीवन कैसे खींचेंगे।
सामाजिक रीति-रिवाज से हुआ दाह संस्कार
घटना के दूसरे दिन शुक्रवार को मृतकों के पार्थिव शरीर को सामाजिक रीति-रिवाज से दोनों के परिवार ने अपने गांव के मुक्तिधाम में दाह संस्कार किया गया। जहां बड़ी संख्या में ग्रामीण व परिजन शामिल हुए। मृतक टेकेश्वर देशमुख का दाह संस्कार मालीघोरी में किया गया, तो मृतक नंदकुमार का दाह संस्कार उनके गृह ग्राम सुरेगांव में किया गया।

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