scriptजिस दल्ली माइंस से सरकार अरबों कमा रही उसके लाल पानी से तबाह हो गए हजारों किसान, न नौकरी मिली न ही बंजर जमीन पर फसल उपजी | Thousands of acres of field become barren due to Dalli mines in Balod | Patrika News
बालोद

जिस दल्ली माइंस से सरकार अरबों कमा रही उसके लाल पानी से तबाह हो गए हजारों किसान, न नौकरी मिली न ही बंजर जमीन पर फसल उपजी

बालोद जिले के आज भी सैकड़ों आदिवासी किसानों को उनका हक नहीं मिल पाया है। उनकी कृषि जमीन दल्लीमाइंस से निकलने वाले लाल पानी के कारण बंजर हो गई है। (Dalli Rajhara red water problem )
 
 

बालोदAug 10, 2020 / 06:50 pm

Dakshi Sahu

जिस दल्ली माइंस से सरकार अरबों कमा रही उसके लाल पानी से तबाह हो गए हजारों किसान, न नौकरी मिली न ही बंजर जमीन पर फसल उपजी

जिस दल्ली माइंस से सरकार अरबों कमा रही उसके लाल पानी से तबाह हो गए हजारों किसान, न नौकरी मिली न ही बंजर जमीन पर फसल उपजी

बालोद. जिले के आज भी सैकड़ों आदिवासी किसानों को उनका हक नहीं मिल पाया है। उनकी कृषि जमीन दल्लीमाइंस से निकलने वाले लाल पानी के कारण बंजर हो गई है। कई गांव लाल पानी से प्रभावित है। जहां की नल से भी लाल पानी निकलता है। यहां लाल पानी से बचाने के लिए लगाए गए कई फिल्टर प्लांट भी बंद है। यहां के नारराटोला, धोबेदंड, आड़ेझर, मलकुंवर, झिकाटोला, कुंजामटोला सहित डौंडी ब्लॉक के लगभग 12 से अधिक गांव लाल पानी से प्रभावित हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने हर साल कलेक्टर, जनदर्शन एवं जनसमस्या निवारण शिविर में ज्ञापन भी सौंप चुके हैं। आंदोलन भी हुआ। प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री को भी अवगत कराया लेकिन कोई समाधान आज तक नहीं हुआ।
आदिवासियों का जीवन स्तर सुधार रहे
मंत्री अनिला भेडिय़ा ने कहा कि आदिवासियों के जीवन स्तर को सुधारने का काम किया जा रहा है। लाल पानी से प्रभावित लोगों की समस्याओं को दूर करने जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। जिससे उन्हें राहत मिले। इसके अलावा आदिवासी क्षेत्रों में महिलाओं को भी विभिन्न योजनाओं के तहत आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
सिर्फ कागजों में समस्याओं का हल
आदिवासी समाज की बैठकों में समाज के किसानों के साथ अन्य किसानों पर चर्चा होती है, जो लाल पानी से प्रभावित हैं। बीते साल आड़ेझर, मलकुंवर के सैकड़ों किसान नल से निकलने वाले लाल पानी को लेकर कलेक्टोरेट पहुंचे थे। ग्रामीण सूरज राम ने बताया कि इन दोनों गांव की लगभग 1 हजार किसानों की 500 हेक्टेयर की कृषि भूमि प्रभावित है।
कई सोलर फिल्टर प्लांट भी खराब
क्रेडा विभाग ने लाल पानी से प्रभावित लोगों को साफ पानी उपलब्ध कराने 73 जगहों पर सोलर फिल्टर प्लांट लगाया गया। इनमें से कुछ तो देखरेख के अभाव में खराब हो गए। जिसके कारण नियमित साफ पानी नहीं मिल पाता है।
हर साल होता है आंदोलन
प्रभावित किसान, उनके परिजन व ग्रामीणों ने खेती की जमीन बचाने, प्रभावितों को बीएसपी में नौकरी देने के लिए आंदोलन भी किया। आंदोलन ज्यादा समय तक चलता है तो जिम्मेदार अधिकारी आश्वासन दे देते हैं। लेकिन समस्याएं दूर नहीं होती। हर साल प्रभावित किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते हैं।
खनिज न्यास निधि का करें सही उपयोग
सर्व आदिवासी समाज बालोद के अध्यक्ष गजानंद प्रभाकर ने कहा कि जिले में भी आदिवासी समाज के लोग उपेक्षित हैं। शासन-प्रशासन को भी आदिवासी समाज के हितों व समस्याओं के विषय में अवगत कराया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है, जो दुखद है। हर साल सभा में समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चाएं होती हैं। अधिकारियों को समस्या सुलझाने ज्ञापन सौंपते हैं। समस्याओं का निराकरण ही नही होता। डौंडी विकासखंड के दर्जनों गांव हैं, जहां किसान लाल पानी से प्रभावित हैं। सरकार व जिला प्रशासन चाहे तो खनिज न्यास निधि को फिजूल कामों में न लगाकर प्राभवित क्षेत्रों में खर्च करें। समस्याओं को दूर भी करें। ताकि उन्हें राहत मिल सके।

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