घटना मुख्यालय से लगे ग्राम कांडे (बरही) की है। गांव की ही तीन महिला मजदूर शाम 5 बजे खेत से वापस आकर घर में उल्टियां करने लगी। उल्टी से दवाई की दुर्गंध आने पर परिजनों ने घरेलु उपचार करते रहे तब तक दो महिला मजदूर की हालत बेहद खराब हो चुकी थी। परिजनों ने तत्काल संजीवनी 108 के माध्यम से दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पीड़ित के परिजन और ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम कांडे के पास एक ठेकेदार द्वारा गन्ने व भुट्टे की फसल ली जा रही है। फसल में पहले दवाई स्प्रे मशीन से छिड़काव कराया जाता था। घटना के दिन सिर्फ तीन युवतियां ही काम कर रही थी और उन्हें खेत मालिक द्वारा मशीन के बजाए खाद व दवाई को मिलाकर हाथों से छिड़कने दे दिया। इस दौरान युवतियां सुबह से लेकर शाम चार बजे तक दवाई का छिड़काव करती रही और दवाई के प्रभाव में आ गई। घर आते ही उल्टियां शुरू हो गई।
परिजनों के अनुसार तीनों युवतियों की तबीयत बिगडऩे की जानकारी खेत मालिक को फोन से दी गई और अस्पताल आने कहा। खेत मालिक ने असंवेदनशीलता दिखाते हुए न तो अस्पताल पहुंचा न ही हालचाल पूछा। दवाई खाकर आराम करने की सलाह देकर अस्पताल आने से मना कर दिया।