बालोद

बच्चों की स्वास्थ्य रक्षा के लिए कृमि से मुक्ति दिलाने 10 से चलाएंगे अभियान

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर जिले में 1 वर्ष से 19 वर्ष के सभी बालक- बालिकाओं को 10 सितंबर को कृमि की दवाई एल्बेंडाजॉल खिलाई जाएगी। दवा खिलाने से छुटे बच्चों तक पहुंचकर 14 सितंबर को मॉपअप दिवस रखा जाएगी।

बालोदSep 08, 2018 / 12:21 am

Chandra Kishor Deshmukh

बच्चों की स्वास्थ्य रक्षा के लिए कृमि से मुक्ति दिलाने 10 से चलाएंगे अभियान

बालोद. राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर जिले में 1 वर्ष से 19 वर्ष के सभी बालक- बालिकाओं को 10 सितंबर को कृमि की दवाई एल्बेंडाजॉल खिलाई जाएगी। इसके लिए जिले के स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं तकनीकी/उच्च शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से कृमि की दवा दी जाएगी। इसके साथ ही दवा खिलाने से छुटे बच्चों तक पहुंचकर 14 सितंबर को मॉपअप दिवस रखा जाएगी।
कलक्टर किरण कौशल के मार्गदर्शन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एकेएस रात्रे के निर्देशन में यह कार्यकम जिले के 1590 शासकीय एवं प्राइवेट स्कूल तथा 1449 आंगनबाड़ी के कुल 251453 बालक-बालिकाओं को 10 सितंबर को एल्बेंडाजॉल दवा दी जाएगी।

अनदेखी करने से बच्चों के पोषक खा जाते हैं कृमि
जिला नोडल अधिकारी डॉ. एसके सोनी ने बताया कि बच्चों के शरीर के लिए पोषक तत्व जरूरी होते है उन्हें 7 कृमि खा जाते है जिससे खून की कमी, कुपोषण और वृद्वि में रुकावट आ जाती है। राउंड कृमि आंतों में विटामिन ए को भी अवशोषित कर लेता है। एल्बेंडाजॉल (400 मिग्रा) की चबाकर खाने वाली गोली खाना कृमि संक्रमण के इलाज का सरल उपाय है। यह दवाई बच्चों और बड़ों/वयस्कों दोनों को देने के लिए एक सुरक्षित दवाई है।

ऐसे करें कृमि होने से बचाव
बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाव के लिए अपने घर व आसपास में साफ-सफाई रखने, भोजन को ढंककर रखने, नाखुन को छोटे रखने, जूते पहनने, साफ पानी पीने, फल व सब्जी धोकर खाने, खुले में शौच न करने, हमेशा शौचालय का प्रयोग करने तथा शौच के बाद हाथ को साबुन से धोने चाहिए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रात्रे ने जिले के जन सामान्य से अपील की है कि अपने 1 वर्ष से 19 वर्ष के बच्चों को 10 सितम्बर को नजदीक के आंगनबाड़ी केन्द्र एवं स्कूल में कृमि नियंत्रण की दवा जरूर खिलाएं। यदि किसी कारणवश छुट जाने पर 14 सितंबर को मापअप दिवस पर बच्चों को दवा का सेवन कराना न भूलें।

ऐसे कराना है उपयोग
यह दवाई 1-2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली पीसकर पानी के साथ एवं 2-3 वर्ष के बच्चों को एक गोली पीसकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की निगरानी में खिलाई जाएगी। 3 से 19 वर्ष के बच्चों को एक गोली चबाकर खिलाई जाएगी। कृमि की दवा से खून की कमी में सुधार, बेहतर पोषण स्तर, कार्यक्षमता में बढ़ोतरी, स्कूल एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति में सुधार होता है।

वीआईपी ड्यूटी से होती है परेशानी, जिला अस्पताल को चाहिए एक और एंबुलेंस
बालोद . जिले के सबसे बड़े अस्पताल में मात्र एक शासकीय एंबुलेंस है। किसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कोई दूसरी एंबुलेंस नहीं है। एकमात्र एंबुलेंस संजीवनी 108 है, जो सिर्फ मरीज लाने में व्यस्त रहती है। लेकिन जिला अस्पताल की एकमात्र एंबुुलेंस ज्यादातर वीआईपी ड्यूटी में व्यस्त रहती है। आपातकालीन स्थिति आने पर परेशानी का सामना करना पड़ता है। सूत्रों के मुताबिक इस परिस्थिति को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने पहल शुरू की है। बताया जाता है कि सांसद निधि से यहां पर एक एंबुलेंस खरीदने की तैयारी चल रही है। जानकारी यह भी मिल रही है कि एंबुलेंस खरीदी के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग की पूर्व कलक्टर के साथ बैठक भी हुई थी, पर आगे यह प्रक्रिया कहां तक आगे बढ़ी है, यह स्वास्थ्य विभाग ही बता पाएगा।

इसलिए जरूरी है एक और एंबुलेंस
जिला अस्पताल में वैसे तो दो एंबुलेंस हंै, एक से सिविल सर्जन को कई बार आना-जाना पड़ता है। दूसरा एंबुलेंस बड़ी है, उसका उपयोग गंभीर मरीजों को रेफर के दौरान ले जाने में होता है। पर वह भी अक्सर वीआईपी ड्यूटी में लगी रहती है। कोई मंत्री या अधिकारी आए तो उनके साथ रहना जरूरी है, चाहे कितनी भी इमरजेंसी हो, नहीं रही तो विभाग को नोटिस मिल सकता है। जिला बनने के बाद आएदिन यहां वीआईपी आते रहते हैं तो एंबुलेंस वहां फंस जाती है। इस स्थिति में एक और एंबुलेंस की जरूरत महसूस की जा रही है।

सांसद निधि से एंबुलेंस खरीदी का विचार
सिविल सर्जन एसपी केसरवानी ने बताया अस्पताल में एक और एंबुलेंस खरीदी की तैयारी चल रही है। सांसद निधि से खरीदी का विचार चल रहा है। अभी प्रक्रिया जारी है।

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