शासन द्वारा बकायदा 13 हैंडपंप गांव में लगाया गया है लेकिन यह पथरीला इलाका होने के कारण हैंडपंपों से तो पानी की जगह हवा ही फेंक रहा है और तीन हैंडपंप मे आयरन युक्त लाल पानी निकलने के कारण ग्रामीण इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार हैंडपंप का पानी को निकालकर कुछ देर रखने के बाद वह पीला व लाल रंग में परिवर्तित हो जाता है और इसके पानी का उपयोग ग्रामीण खाना बनाने व खाने पीने में नहीं करते हैं, जिसके कारण कुछ ग्रामीण एक किमी दूर नदी में झरिया खोदकर पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं, तो पेयजल की समस्या को देखते हुए अपने स्वयं के खर्च से टैंकर से पानी लाकर गांव के ग्रामीण जैसे तैसे उपयोग कर रहे हैं।
ग्रामीण गांव में पेयजल व निस्तार, जल समस्या के संबंध में कई बार पीएचई विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को समस्याओ से अवगत करा चुके हैं, लेकिन उनके द्वारा समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है। ग्रामीण सोमारूराम, रामायण सिंह, खमतूराम, तुलसी राठौर, ईश्वर नायक, चमरू कमार, धनीराम कमार, सुंदर कमार, चरण कमार, घनश्याम नायक ने बताया कि ग्राम फरसरा में हैंडपंप से लाल आयरन युक्त पानी निकलने के कारण ग्रामीण खाना बनाने के लिये हैंडपंप के पानी का उपयोग करने से परहेज करते हैं और मजबूरन उन्हें झरिया का पानी पीना पड़ रहा है और तो और गांव में टैंकर के माध्यम से पानी लाकर इसका उपयोग ग्रामीण खुद कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कई बार इस पेयजल समस्या से गांव के लोगों ने पीएचई विभाग के अधिकारी से लेकर कर्मचारियों तक को अवगत करा चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें शुद्ध पेयजल मुहैया नहीं हो सका है।