मिली जानकारी के अनुसार थाना भाटापारा ग्रामीण में राजाढार निवासी ममता बाई डहरिया ने 7 जुलाई 2018 को अपने पति युवराज डहरिया (26) के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ममता अपने मायके राजाढार में बच्चों के साथ अलग रहती है, जबकि पति भरसेला में रहता था। युवराज सोसाइटी से चावल लेकर भरसेला से राजाढार आए थे। लेकिन दिमाकी हालत ठीक नहीं होने की वजह से दो दिन बाद भी वह वापस भरसेला नहीं पहुंचा। इस पर पुलिस ने गुम इंसान का मामला दर्ज कर उसकी खोजबीन शुरू की।
गुम इंसान पतासाजी के दौरान पता चला कि युवराज डहरिया बांग्लादेश के कुरीग्राम जेल में बंद हैं। प्रकरण को पुलिस अधीक्षक नीतू कमल ने गंभीरता से लेते हुए युवराज डहरिया की सकुशल देश वापसी के लिए बांग्लादेश एम्बेसी से तत्काल संपर्क कर पत्राचार प्रारंभ करवाया। युवक के संबंध में सभी आवश्यक दस्तावेज पहचान पत्र आदि विवरण तत्काल बांग्लादेश एम्बेसी को उपलब्ध कराया गया।
बांग्लादेश एम्बेसी से युवराज डहरिया की देश वापसी से संबंधित संदेश मिलने पर तत्काल पुलिस व प्रशासन की एक टीम उसके पिता रामेश्वर डहरिया को लेकर बांग्लादेश चेक पोस्ट के लिए रवाना किया गया। मंगलवार (5 नवंबर 2019) को विधिवत प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान बांग्लादेश की सीमा सुरक्षा बल ने युवराज डहरिया को चांगड़ाबांधा चेक पोस्ट पर भारत की सीमा सुरक्षा बल को सौंपा।
इसके बाद भारत बीएसएफ ने उसे चांगड़ाबांधा पुलिस के हवाले किया। फिर चांगड़ाबांधा पुलिस ने छत्तीसगढ़ पुलिस को सौंपा। पुलिस व प्रशासन की टीम में नायब तहसीलदार मयंक अग्रवाल, बाल संरक्षण अधिकारी प्रकाश दास, थाना प्रभारी भाटापारा ग्रामीण नरेश चौहान, आरक्षक भूपेश यादव शामिल थे।