विदित हो की ग्रामीण थाना अंतर्गत ग्राम धुरबंधा के श्मशान घाट के पास 5 सितम्बर को एक अज्ञात युवक का शव मिला था। शव से सर गायब होने और उसके नाजुक अंग को भी नष्ट किया गया था। पुलिस ने शव की शिनाख्ती ग्राम मोपका निवासी थानेश्वर पिता चतुर साहू के रूप में की। शिनाख्ती के पश्चात पुलिस ने मृतक के मोबाइल के कॉल डिटेल को खंगालते हुए आरोपी तक पहुंची। ग्रामीण थाने में पत्रकारों को जानकारी देते हुए एसडीओपी केबी द्विवेदी ने बताया की आरोपी मृतक का दोस्त शारपुद्दीन उर्फ सोनू खान निवासी मोपका ही निकला है। आरोपी ने हत्या की वजह मृतक और उसकी पत्नी के मध्य अवैध सम्बन्ध होना बताया।
आरोपी ने बताया की मृतक उसकी पत्नी को फोन करते रहता था और उसका नम्बर भी कई लोगों को दे दिया था और बार-बार नए-नए लोगों का फोन आते रहता था। घटना दिवस को आरोपी ने मृतक को रायपुर से बुलाया और दोनों ने आपस में शराब का सेवन किया। घटना स्थल पर उसने मृतक को समझाने का प्रयास किया और नही मानने पर नशे की हालत में उसके सिर को धड़ से अलग कर उसकी हत्या कर दी और शव को एक तालाब में फेक कर फरार हो गया। घटना के बाद आरोपी रायपुर गया और वहां से नागपुर भाग गया। उसके बाद वापस रायपुर आया तो खोज बिन में लगी पुलिस की टीम को रायपुर में मिल गया, जहां वह दिल्ली जाने की तैयारी में था।
ग्रामीण पुलिस आरोपी सोनू खान को लेकर यहां लाई और उससे पूछताछ की। उसने अपना अपराध काबूल करते हुए मृतक के सिर और हत्या के लिए इस्तेमाल चाकू और अन्य औजार को बता दिया। पुलिस ने आरोपी की निशान देही पर सामान जब्त कर उसके खिलाफ धारा 302, 201 आम्र्स एक्ट 25, 27 के तहत आगे की कार्यवाही कर रही है। इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में एसपी प्रशांत अग्रवाल के निर्देश पर एडीशनल एसपी वेदव्रत सिरमौर, एसडीओपी केबी द्विवेदी के मार्गदर्शन में थानेदार स्वर्णकार के नेतृत्व में प्रधान आरक्षक संजय सोनी, आरक्षक इनेंद्र ठाकुर, भूपेश यादव और उमेश बरिहा का योगदान रहा।