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बलोदा बाज़ार

होटल और रेस्टोरेंट वाले अब नहीं कर सकेंगे इस Oil का इस्तेमाल, जानिए नया नियम

होटल और रेस्टोरेंट अब खाद्य तेल का बार-बार उपयोग नहीं कर पाएंगे।

बलोदा बाज़ारFeb 23, 2019 / 04:50 pm

Deepak Sahu

food making

होटल और रेस्टोरेंट वाले अब नहीं कर सकेंगे इस Oil का इस्तेमाल, जानिए नया नियम

भाटापारा (सूरजपुरा). होटल और रेस्टोरेंट अब खाद्य तेल का बार-बार उपयोग नहीं कर पाएंगे। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने इसे तत्काल प्रभाव से लागू करते हुए राज्यों के खाद्य एवं औषधि प्रशासन को सघन जांच अभियान चलाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। आदेश मिल गया है। अब जांच की तैयारी है।

ये है नया नियम
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के आदेश के बाद ऐसे रेस्टोरेंट्स और होटल या ढाबे जो प्रतिदिन 50 लीटर खाद्य तेल का उपयोग करते हैं उन्हें खरीदी करने वाले संस्थान का नाम, पता, मात्रा का लिखित विवरण रखना होगा। कितनी मात्रा उपयोग में लाई गई, कितना शेष बचा इसका पूरा हिसाब रखना होगा ताकि विपरीत परिस्थितियों में जवाबदेही तय की जा सके।

खाद्य पदार्थों के निर्माण और विक्रय के दौरान बढ़ती जा रही लापरवाही के बाद उठती स्वास्थ्य गत परेशानियों को देखते हुए देश ही नहीं प्रदेश में भी लगातार जांच अभियान चल रहा है। इसके बावजूद लापरवाही में कहीं कोई कमी नहीं आ रही है। त्यौहार के साथ शादियों का सीजन चालू हो चुका है। इसलिए हॉटल और रेस्टोरेंट में जमकर पार्टियों का दौर चल रहा है। खाद्य पदार्थ निर्माण में खाद्य तेल महत्वपूर्ण है लेकिन यह देखा गया है कि एक ही तेल से विभिन्न पदार्थ तले जाते हैं। बचत की दृष्टि से यह भले ही अच्छी कोशिश कही जा सकती है, लेकिन स्वास्थ्य की नजर से इसे उचित नहीं माना जा रहा है। इसलिए लैब रिपोर्ट को आधार बनाते हुए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने तत्काल प्रभाव से ऐसा किए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

इसलिए प्रतिबंध
खाद्य तेल का एक बार उपयोग किए जाने से इस में ट्रांसफैट की मात्रा कम होती जाती है। वैसे इसका कोई नुकसान नहीं है, लेकिन बार-बार के उपयोग से यह मात्रा कम होने के बाद स्लो पॉयजन बनती जाती है। मात्रा कम होने से यह घातक हो जाता है। दरअसल ट्रांस फैट को खाद्य तेलों में इसलिए डाला जाता है क्योंकि इसमें तेल को ठोस करने की क्षमता होती है। इस वजह से खाद्य तेल की सेल्फ लाइफ बढ़ जाती है लेकिन बार-बार के उपयोग से ट्रांसफैट की मात्रा का कम होने से हॉर्ट पर सीधा असर डालता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट
ट्रांस फैट की वजह से दिल की बीमारी से हर बरस विश्व में 5 लाख लोगों की मौत होती है। इसमें अकेले 60 हजार मौतें भारत में ही होती है। इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2022 तक विश्व को ट्रांस फैट मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। संगठन ने यह करने से पहले बताया है कि ट्रांसफैट के निर्माण में हाइड्रोजन की मदद ली जाती है ताकि वनस्पति तेल को ठोस किया जा सके और खाद्य तेलों की सेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सके। इस तरह के खाद्य तेलों के बार-बार उपयोग करने वाली इकाइयों में बनाने वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करने से कार्डियो वैस्कुलर व अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ता जाता है।

इस काम में बार-बार उपयोग
प्राधिकरण ने जो सर्वेक्षण किया था उसमें यह पाया गया है कि हॉटल रेस्टोरेंट से खाद्य तेल का उपयोग कई प्रकार की खाद्य सामग्री को तलने में बार-बार उपयोग किया जाता है। इसके अलावा बेकरी प्रोडक्ट बनाने वाली इकाइयां भी बेकरी आइटम निर्माण के दौरान ऐसा करती हैं। अब इस काम में ऐसा नहीं होगा।

खाद्य तेल का उपयोग अब कई बार नहीं किया जा सकेगा। हॉटल रेस्टोरेंट्स और ढाबा संचालकों को नए नियम की जानकारी दी जा रही है। अब जांच के दौरान उपयोग किए जा चुके खाद्य तेल का भी सैंपल लिया जाएगा।
उमेश वर्मा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी बलौदाबाजार

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