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बलोदा बाज़ार

तेज बारिश की वजह से संग्रहण केंद्र मेें भीगे धान, व्यवस्था में हर साल हो रहा लाखों का नुकसान

समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से कोई स्थायी व्यवस्था नहीं की जाती। इसके चलते प्रतिवर्ष लाखों रुपए का नुकसान होता है।

बलोदा बाज़ारJul 06, 2019 / 03:38 pm

Bhawna Chaudhary

cg news

तेज बारिश की वजह से संग्रहण केंद्र मेें भीगे धान, व्यवस्था में हर साल हो रहा लाखों का नुकसान

कोपरा . समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से कोई स्थायी व्यवस्था नहीं की जाती। इसके चलते प्रतिवर्ष लाखों रुपए का नुकसान होता है। हर साल बारिश होती है, तब यह दावा जरूर किया जाता है कि ढंकने के लिए तिरपाल व स्टेक करने के लिए ड्रेनेज बनाए गए हैं। इसी व्यवस्था में हर साल लाखों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं। पर सच्चाई यह कि जब भी बारिश होती है तो सरकारी दावों की सच्चाई सामने आ जाती है।

गरियाबंद जिले के धान संग्रहण केन्द्र कुण्डेल में धान को बारिश से बचाने के लिए रखी तालपत्री फटे हैं, तो ड्रेनेज के लिए बनाए गए भूसे की बोरियां पानी से भीग गई है। धान खरीदी केन्द्र कुण्डेल में रखा धान सोमवार और मंगलवार को हुई बारिश से ऊपर और नीचे का भाग भीग गया, जिससे धान में हल्की नमी आने पर अंकुरण का खतरा बढ़ गया है।

धान को सुरक्षित रखने स्थायी व्यवस्था जरूरी है। हर साल धान खरीदी के बाद संग्रहण केंद्र में बोरे और भूसा खरीदा जाता है। इसी में प्रति वर्ष लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं और एक ही सीजन में यह खत्म भी हो जाता है। इसी प्रकार तालपत्री पर भी लाखों खर्च होता है, लेकिन स्थायी व्यवस्था की ओर शासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि संग्रहण केन्द्र के बोर्ड में स्पष्ट रूप से यह लिखा गया है कि ‘अन्न के एक एक दाने की सुरक्षा ही हमारा परम दायित्व है’ बावजूद इसके प्रतिवर्ष लाखों रुपए का धान भीग कर खराब हो जाता है।

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