राज्य शासन के आदेश के दूसरे दिन यानी सोमवार को भी जिले की कई निजी शालाएं संचालित रहीं। वहीं, कुछ शासकीय शालाओं में भी छात्र-छात्राएं नजर आए। जिले में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य शासन द्वारा एक ओर जहां शालेय बच्चों की सुरक्षा की लिए चिंता की जा रही है, वहीं कुछ निजी शालाओं का लालच शाला आने वाले बच्चों के पूरे जीवन के लिए भारी पड़ सकता है।
विदित हो कि प्रदेश में कोरोना की रफ्तार फिर से तेज होने लगी है, जिसे देखकर प्रदेश सरकार ने रविवार को स्कूल शिक्षा तथा आगामी दिनों में होने वाली परीक्षाओं के संबंध में गाइड लाइन जारी करते हुए केवल दसवीं तथा बारहवीं की परीक्षाओं को ही ऑफलाइन आयोजित किए जाने के निर्देश दिए तथा बाकी परीक्षार्थियों को जनरल प्रमोशन दिए जाने के निर्देश जारी किए हैं। परंतु, राज्य शासन का आदेश जिले की कई निजी शालाओं के सामने सोमवार को ही दम तोड़ता हुआ नजर आया। राज्य शासन द्वारा उक्त आदेश को शालेय बच्चों के स्वास्थ्य तथा जीवन को ध्यान में रखकर लिया गया है, परंतु जिले की कई निजी शालाओं के संचालकों का लालच बच्चों के स्वास्थ्य से भी बढ़कर प्रतीत हो रहा है।
राज्य शासन के आदेश के दूसरे दिन सोमवार को बलौदा बाजार के आसपास के सीमेंट संयंत्रों द्वारा संचालित शालाओं के साथ ही साथ कुछ निजी शालाओं में ना सिर्फ बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं नजर आए, बल्कि बाकायदा क्लास भी संचालित की गई। बलौदा बाजार की ही कुछ निजी शालाओं में पालकों की भीड़ भी नजर आई तथा इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर मास्क तक के किसी भी कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं किया गया। शासन के आदेश के बावजूद कुछ निजी शालाओं की लापरवाही आने वाले दिनों में बाकी शालेय बच्चों के लिए भारी साबित हो सकती है।