बीच-बीच में थोड़ी बहुत बारिश होने पर खेतों में जो नमी रहती है वह तेज धूप की वजह से जल्द सूख रही है। किसानों के अनुसार तेज धूप तथा बारिश की कमी से धान के पौधे मुरझाने लगे हैं। यदि इस सप्ताह एक-दो बार जोरदार बारिश नहीं हुई तो तगड़ा घाटा तय है।
इस वर्ष वर्षा 15 जून के बाद से ही बारिश को लेकर किसानों के माथे में चिंता की लकीरें गहराती जा रही हैं। जिले के सभी छह ब्लाकों में अब तक बेहद कम बारिश हुई है। अब तक जिले में महज 52 फीसदी ही बारिश हुई है जिसमें जिले में कसडोल ब्लाक में सर्वाधिक 65.4 फीसदी तथा बिलाईगढ़ ब्लाक में महज 36.5 फीसदी ही बारिश हुई है। किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि सावन माह अप्रैल तथा मई माह की तरह तप रहा है।
जिले में वर्तमान में भीषण गर्मी तथा तेज धूप से लोगों का बुरा हाल है। तेज धूप की वजह से प्रतिदिन धान के खेतों से नमी सूख रही है जिसकी वजह से असिंचित खेतों में अब दरारें नजर आने लगी हैं। यदि इस सप्ताह एक-दो बार जोरदार बारिश नहीं हुई तो असिंचित इलाकों से नुकसान के आंकड़े मिलने लगेंगे।