ABVP नेता की निर्मम हत्या के 3 आरोपी गिरफ्तार, प्रेमिका भी थी शामिल
रामचंद्रपुर के अनिरुद्धपुर स्थित साहेब-करवां पहाड़ी पर मिली थी छात्र
नेता की नग्न लाश, मुख्य आरोपी के कहने पर पे्रमिका ने मृतक को बुलाया था
घर, हत्या करने के बाद घसीटकर ले गया था शव
रामानुजगंज. प्रेम-प्रसंग में रामचंद्रपुर निवासी अभाविप नेता की हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने मामले में शामिल 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। हत्या की योजना बनाकर ही मुख्य आरोपी व दूसरे पे्रमी के कहने पर पे्रमिका ने 19 अक्टूबर की रात मृतक को अपने घर बुलाया था।
गमछे से गला घोंटकर हत्या करने के बाद एक अन्य युवक की मदद से दूसरे पे्रमी ने उसका शव पहाड़ी पर झाडिय़ों में फेंक दिया था। मामले को लेकर क्षेत्र में तनाव की स्थिति थी। पुलिस को 3 दिन के भीतर आरोपियों को पकडऩे अल्टीमेटम भी क्षेत्रवासियों द्वारा दिया गया था। इसी बीच पुलिस ने गुत्थी को सुलझा लिया।
गौरतलब है कि रामचंद्रपुर निवासी विनय ठाकुर पिता इंद्रदेव श्रीवास 22 वर्ष अभाविप का छात्र नेता था। 19 अक्टूबर की रात लगभग 8 बजे वह अपने दोस्त दिनेश प्रजापति व जितेंद्र के साथ बाइक से रामचंद्रपुर से 3 किलोमीटर दूर ग्राम अनिरूद्धपुर में प्रेमिका सरवरी बानो 20 वर्ष से मिलने गया था।
वह प्रेमिका के घर से पहले बाइक से उतर गया और दोस्तों को बोला कि मैं 5 मिनट में फोन करूंगा तब आना। उसके देर रात तक घर नहीं लौटने पर परिजन परेशान होकर उसे खोजने लगे। 21 अक्टूबर की दोपहर लगभग 1 बजे ग्राम अनिरूद्धपुर के साहेब-करवां पहाड़ में नग्न अवस्था में उसका शव मिलने से सनसनी फैल गई थी।
मृतक के मुंह में कपड़ा डालकर गमछे से गला घोंटकर हत्या करने के साथ ही आरोपियों ने उसके गुप्तांग को भी बुरी तरह से जख्मी कर दिया था। इस घटना से आक्रोशित छात्र संगठन अभाविप ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जिले भर में प्रदर्शन किया था। पुलिस पर दबाव बढऩे के बाद आईजी हिमांशु गुप्ता के मार्गदर्शन, एसपी सदानंद कुमार के निर्देशन व वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस की 4 टीमों ने आरोपियों को पकडऩे पतासाजी शुरू कर दी थी।
मामला प्रेम-प्रसंग से जुड़ा होने व हत्या में एक से अधिक आरोपियों के शामिल के कारण पुलिस को शुरुआती दिन में ही अहम सबूत हाथ लग गए थे। मामले में युवती का दूसरा पे्रमी ग्राम अनिरुद्धपुर निवासी जय सिंह 24 वर्ष फरार चल रहा था। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि वह घर से झारखंड जाने निकला है।
इस पर पुलिस ने उसे घेराबंदी कर 23 अक्टूबर की शाम कन्हर नदी के समीप धरदबोचा। मामले का तीसरा आरोपी युवती के पड़ोस में रहने वाले ग्राम अनिरुद्धपुर निवासी देवनारायण 23 वर्ष है। पुलिस ने हत्या के आरोप में जय सिंह, देवनारायण व पे्रमिका सरवरी बानो को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से तीनों को जेल भेज दिया गया।
कार्रवाई में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑपरेशन पंकज कुमार शुक्ला, एसडीओपी वाड्रफनगर अविनाश सिंह ठाकुर, बलरामपुर क्राइम ब्रांच की टीम सहित बलरामपुर थाना प्रभारी एसआई केके शुक्ला, राजपुर थाना प्रभारी किशोर केंवट, रामानुजगंज थाना प्रभारी चुन्नू तिग्गा, रामचंद्रपुर थाना प्रभारी अनिल उसेंडी, सनावल थाना प्रभारी दलप्रताप सिंह, डिंडो चौकी प्रभारी राजेश साहू, बसंतपुर थाना प्रभारी ओपी कुजूर शामिल थे। दो दिनों की भीतर ही मामले का खुलासा करने पर आईजी ने पुलिस टीम को बधाई दी है।
4 वर्षों से था प्रेम-प्रसंग अभाविप नेता विनय ठाकुर का सरवरी बानो से 4 वर्षों से पे्रम-प्रसंग चल रहा था। इधर जय सिंह का भी वर्ष 2012 से युवती के साथ पे्रम संबंध था। कुछ दिन पूर्व जय सिंह को विनय ठाकुर के साथ युवती के पे्रम संबंध में बारे में पता चल गया था। इसलिए वह विनय ठाकुर से रंजिश रखने लगा था।
पहले ही बना ली थी योजना मुख्य आरोपी जय सिंह घटना दिवस 19 अक्टूबर की शाम 4 बजे पे्रमिका से मिला। उसने विनय सिंह को रास्ते से हटाने की बात पे्रमिका को बताई और योजना के अनुसार उससे फोन कर उसी रात घर बुलाने को कहा। इस पर पे्रमिका ने गांव के ही जाकिर के मोबाइल से कॉल कर विनय ठाकुर को रात 8 बजे मिलने बुलाया था।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम पे्रमिका के बुलाने पर छात्र नेता विनय ठाकुर रात 8 बजे अपने दोस्तों की बाइक से अनिरुद्धपुर स्थित उसके घर पहुंच गया। वह दरवाजा खटखटाकर पास ही छिप गया। पहले से ही अंधेरे में कुछ दूरी पर खड़ा जय सिंह यह देख रहा था। इसी बीच जय सिंह वहां पहुंच गया। किसी के आने की आहर सुनकर विनय ठाकुर भागने लगा और जय सिंह उसे दौड़ाने लगा।
इसी दौरान देवनारायण के घर के पास वह गिर पड़ा। आवाज सुनकर देवनारायण टॉर्च लेकर बाहर निकला और पूछताछ की तो जय सिंह ने हम हैं कहकर उसे टॉर्च बंद करने व चुप रहने कहा। इसके बाद तीनों वहीं मैदान में बैठकर गांजा पीने लगे। इस दौरान जय सिंह व विनय ठाकुर के बीच पे्रमिका को लेकर चर्चा भी हुई।
इधर विनय ने ज्यादा रात होने के कारण घर जाने की बात कही तो जय सिंह ने कहा कि सीधे रास्ते से जाओगे तो कोई देख लेगा, इसलिए पहाड़ी के रास्ते चलने कहा। इस पर विनय भी तैयार हो गया और तीनों साहेब-करवां पहाड़ी पर चढ़ गए। एक स्थान पर वे फिर बैठ गए और पे्रमिका से संबंध को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया।
हाथापाई में विनय गिर गया तो उसके कंधे में लटके गमछे से जय सिंह ने उसका गला घोंट दिया। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इस दौरान जय सिंह ने उसके गुप्तांग पर भी पैर से प्रहार कर दिया था। हत्या के बाद उसका शव कंधे पर लादकर जय व देवनारायण झाडिय़ों में फेंकने निकल पड़े। इस दौरान 2-3 बार शव को जमीन पर पटक भी दिया। इसके बाद उसका पैंट उतारकर उसका शव झाडिय़ों में फेंक दिया।
हत्या के बाद दोस्त के घर सोया वारदात को अंजाम देने के बाद जय सिंह व देवनारायण पास ही स्थित तालाब में नहाकर रात 12 बजे घर जाने निकले। जय सिंह घर के बाहर गीले कपड़े सूखने के लिए छोड़कर बाहर रखा कपड़ा पहनकर अपने दोस्त पंकज के घर अद्र्धनग्न चला गया। पंकज ने उसे इस हाल में देख कारण पूछा तो उसने इतना बताया कि बहुत गड़बड़ हो गया है।
इसके बाद पंकज के कपड़े पहनकर वहीं सो गया। इधर देवनारायण ने घर पहुंचकर पूरी घटना अपनी पत्नी को बता दी। उसे रातभर नींद भी नहीं आई। तीसरे दिन शव मिलने के बाद जय सिंह घर से फरार हो गया था।