गौरतलब है कि जल संसाधन विभाग (Water Resource Departmentमें पदस्थ विभिन्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर विगत 5 वर्षों में भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे हैं। यहां तक कि तत्कालीन अधिकारियों पर दो-दो प्राथमिकी 420 के दर्ज हुए, वहीं दर्जनों शिकायत लंबित है। इनके भ्रष्टाचार की फेहरिस्त भी लंबी है।
तत्कालीन अधिकारियों द्वारा जलाशयों से निकलने वाली नहरों में लगाने के लिए सब नियम कानून को ताक में रखकर लाखों रुपए के एमएस सिलैंडरिकल पाइप खरीदे गए थे। जिस समय पाइप की खरीदी की गई, उस समय इसकी कोई उपयोगिता नहीं थी, आज 5 वर्ष के बाद भी वही स्थिति है। भ्रष्टाचार के लिए खरीदे गए यह पाइप आज भी ग्राम सनावल आनंदपुर सहित अन्य ग्रामों में रखे हुए हैं।
किसी काम का नहीं फिर भी की खरीदी
ग्रामवासी आज भी इंतजार में है कि यह पाइप लगेेंगे एवं हमारे खेतों तक पानी पहुंचेगा। लेकिन उन्हें नहीं मालूम कि यह खरीदी सिर्फ भ्रष्टाचार के लिए की गई थी। विभाग के सूत्र बताते हैं कि तत्कालीन ठेकेदार एवं अधिकारी ने सेटिंग कर बिना उपयोगिता के सिलैंडरिकल पाइप की खरीदी कर ली एवं विभिन्न जलाशयों के पास इसे रख दिया गया।
जबकि इसकी उपयोगिता थी ही नहीं। लाखों की लागत से खरीदे गए सिलैंडरिकल पाइप आज भी जहां-तहां जलाशयों के समीप रखे हुए हैं। 5 वर्ष से अधिक समय गुजर गए परंतु नहरों में यह नहीं लग पाए एवं किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाया।
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मरम्मत व सर्वे के नाम पर करोड़ों का बंदरबांट
बीते 5 वर्षों में जल संसाधान विभाग (Water Resource Department) के तत्कालीन अधिकारियों द्वारा नहर और एनीकट गेट मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपए के बिल लगाकर राशि आहरित कर ली गई। लेकिन मौके पर कुछ भी काम नहीं कराया गया। वहीं सर्वे के नाम पर भी करोडो रुपए के वारे न्यारे कर दिए गए।