यहां आरोपियों का एक साथी पहले से मौजूद था, तीनों ने पूरी रात किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार (Gangrape) किया। भोर में आरोपी उसे छोडक़र फरार हो गए, इसके बाद दर्द से कराहती बालिका अपने घर पहुंची। इस मामले में पुलिस का संवेदनहीन चेहरा सामने आया है।
आरोप के अनुसार रात में ही परिजन द्वारा मदद मांगने के बावजूद पुलिस ने कुछ नहीं किया। फिर अगले दिन औपचारिकता निभाते हुए और पीडि़ता का एमएलसी कराकर उसे घर ले जाकर छोड़ दिया, जबकि उसकी हालत ठीक नहीं थी। इस मामले की जानकारी जब रामानुजगंज विधायक को लगी तो पुलिस के रवैये को लेकर भडक़ गए और आला अधिकारियों से बात की।
तब जाकर बलरामपुर पुलिस सक्रिय हुई और मामले में एफआईआर दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया। जबकि दो अभी भी फरार हैं। वहीं विधायक ने शुक्रवार को अपनी गाड़ी से पीडि़ता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों के अनुसार पीडि़ता की हालत स्थिर बनी हुई है। इस पूरी घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। (Gang rape)
ये है पूरा मामला
बलरामपुर जिले के ग्राम सरनाडीह स्थित शिवगढ़ी मंदिर में 19 फरवरी की रात प्रवचन कार्यक्रम चल रहा था। प्रवचन में १४ साल की बालिका अपनी सहेली के साथ गई थी। रात में यहां से लौटते समय बाइक सवार दो युवकों ने बालिकाओं का रास्ता रोक लिया व छेड़छाड़ करने लगे।
इस दौरान सहेली हिम्मत दिखाते हुए आरोपियों को दांत काट कर वहां से भाग गई, लेकिन 14 वर्षीय बालिका को आरोपी अपने साथ जबरन अपनी बाइक पर बैठाकर ग्राम हेगवार में पहाड़ पर स्थित एक सूने मकान में ले गए। यहां आरोपियों का एक साथी पहले से मौजूद था, तीनों आरोपी पूरी रात उसके साथ बलात्कार करते रहे। इधर सहेली ने गांव में आकर बालिका के परिजन को घटना की सूचना दी।
आरोप के अनुसार रात में ही परिजन ने पुलिस से मदद मांगी, लेकिन पुलिस सोई रही। इधर भोर में लगभग 4 बजे आरोपी बालिका को छोडक़र फरार हो गए। यहां से बालिका दर्द से कराहती हुई किसी तरह अपनी सहेली के पास पहुंची, फिर उसके साथ अपने घर आई और परिजन को घटना से अवगत कराया।
कार्रवाई के नाम पर औपचारिकता ही निभाते रही पुलिस
आरोप के अनुसार परिजन पीडि़ता को लेकर थाने पहुंचे तो पुलिस ने तत्काल रिपोर्ट दर्ज नहीं की और पीडि़ता को सवालों में उलझा दिया। जबकि पीडि़ता की स्थिति ठीक नहीं थी। इसकी जानकारी जब रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह को मिली तब उन्होंने विभाग के आला अधिकारियों से बात की, तब पुलिस ने पीडि़ता को अस्पताल ले जाकर उसका एमएलसी कराया।
फिर गंभीर हालत के बावजूद उसे घर ले जाकर छोड़ दिया। पीडि़ता पूरी रात दर्द से तड़पती रही। शुक्रवार की सुबह विधायक पीडि़ता के घर पहुंचे और अपनी ही गाड़ी से पीडि़ता को लाकर अस्पताल भर्ती कराया। पीडि़ता की हालत स्थिर बनी हुई है। उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
महिला सरपंच ने बदसलूकी का लगाया आरोप
ग्राम सरनाडीह की महिला सरपंच ने भी बलरामपुर पुलिस पर उसके साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया है। सरपंच ने आरोप लगाया है कि पुलिस पीडि़ता की गंभीर हालत के बावजूद उसे जबरन अस्पताल से ले गई, जब मैंने रोकना चाहा तो मेरे साथ पुलिस ने धक्का-मुक्की करते हुए धमकी भी दी।
अपराध दर्ज कर एक आरोपी को किया गिरफ्तार
मामले में बलरामपुर पुलिस ने धारा 342, 363, 366 ए, 376(२) एन, 506, पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर एक आरोपी पिंटू ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया है। शेष आरोपी कुलदीप व एक अन्य फरार है।
विधायक बोले-पुलिस का रवैया दुर्भाग्यजनक
घटना को लेकर रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह ने पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। विधायक ने कहा कि बालिका के साथ इस तरह की हैवानियत हुई और रात में ही शिकायत के बावजूद पुलिस ने कुछ नहीं किया। पुलिस उल्टे बालिका से ही सवाल पूछती रही। उन्होंने कहा कि राजनीति अलग बात है, लेकिन इस तरह के गंभीर मामले में पुलिस ने जिस तरह की लापरवाही बरती, इससे अधिक दुर्भाग्यजनक कुछ नहीं हो सकता। पुलिस कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता करती रही, जब मैंने आईजी व एसपी से बात की तब जाकर कार्रवाई हुई।
पुलिस ने नहीं बरती लापरवाही
पुलिस ने कोई लापरवाही नहीं बरती है। गुरुवार की शाम को शिकायत मिलते ही पुलिस ने तुरत एफआईआर दर्ज की है। साथ ही इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, दो अन्य भी जल्द पकड़े जाएंगे।
रतनलाल डांगी, आईजी, सरगुजा