इसकी जानकारी जब एसपी रामकृष्ण साहू को दी गई तो उन्होंने दूसरे प्रदेशों में बच्चों को जाकर मजदूरी कराने की जानकारी आईजी रतनलाल डांगी को दी। आईजी के निर्देश पर यहां से दूसरे ही दिन ही टीम रवाना किया गया। टीम द्वारा 7 नाबालिग बच्चों सहित 8 मजदूरों को सकुशल वापस लाया गया।
वहीं पुलवामा से भी 2 नाबालिगों को छुड़ाकर लाया गया। जिन 2 आरोपियों द्वारा बच्चों को ले जाया गया था, उनके खिलाफ अपराध दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
एसपी रामकृष्ण साहू ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि ग्राम चुमरा से 10-12 बच्चों को प्रलोभन देकर बनारस ले जाए जाने की सूचना 10 सितंबर को मिली थी। इसके बाद तत्काल विजय नगर चौकी प्रभारी विनोद पासवान एवं त्रिकुंडा थाना प्रभारी रजनीश सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर बच्चों की बरामदगी हेतु विशेष पुलिस बल 35 सीटर बस से भेजा गया। (Banded labour)
एसपी रामकृष्ण साहू ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि ग्राम चुमरा से 10-12 बच्चों को प्रलोभन देकर बनारस ले जाए जाने की सूचना 10 सितंबर को मिली थी। इसके बाद तत्काल विजय नगर चौकी प्रभारी विनोद पासवान एवं त्रिकुंडा थाना प्रभारी रजनीश सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर बच्चों की बरामदगी हेतु विशेष पुलिस बल 35 सीटर बस से भेजा गया। (Banded labour)
टीम ने दिल्ली गुडग़ांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, मेरठ एवं अन्य स्थानों पर पतासाजी एवं छापेमारी कर कुल 7 नाबालिग बच्चों सहित 8 मजदूरों को बरामद कर सकुशल वापस लाया। बच्चों को ले जाने वाले ग्राम चुमरा निवासी विचारण यादव एवं बंशी गोंड के खिलाफ धारा 363, 370, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि टीम में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा, जिन्होंने कोरेना संक्रमण काल की विपरीत परिस्थिति में अपने फर्ज का बखूबी निर्वहन किया।
10 दिन के मेहनत के बाद मिली सफलता
पुलिस सूचना पर पहले टीम बनारस गई परंतु पता चला कि सभी बच्चों को अलग-अलग जगह पर काम करने के लिए भेजा गया है, इसके बाद पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती थी कि सभी स्थानों से बच्चों को बरामद करें। फिर पुलिस के द्वारा लगातार छापामारी करते हुए दिल्ली, गुडग़ांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, मेरठ एवं अन्य जगहों से बच्चों को बरामद किया गया।
भाग न पाएं इसलिए सभी को अलग-अलग काम पर लगवाया
हरियाणा के दलाल के द्वारा पहले तो बच्चों के साथ मारपीट की गई वहीं सभी बच्चे एक राय होकर कहीं भाग न पाएं इसलिए सभी को अलग-अलग राज्यों में काम पर लगाया गया। कुछ बच्चों को कंस्ट्रक्शन तो कुछ को क्रशन में काम पर लगाया गया था।
एसपी-एएसपी लगातार कर रहे थे मॉनिटरिंग
पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत कतलम के दिशा निर्देश में टीम दूसरे प्रदेश में रवाना की गई थी। कोरेना संक्रमण काल के समय बच्चों को बरामद करना बड़ी चुनौती थी, वह भी ऐसी स्थिति में जब बच्चे अलग-अलग स्थानों में थे। एसपी-एएसपी द्वारा इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही थी।
सामरी पाट के 2 बच्चों को पुलवामा से लाया गया
पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि सामरी पाट के 2 बच्चों को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा ले जाया गया था, जहां से उन्हें सकुशल वापस ले आया गया है।