scriptपंडो परिवार के 1 माह के बच्चे की मौत के बाद उड़ी ये अफवाह, एसडीएम-सीएमएचओ दौड़ते पहुंचे गांव | Rumor: This rumor fly out after the death of 1 month child of Pando | Patrika News

पंडो परिवार के 1 माह के बच्चे की मौत के बाद उड़ी ये अफवाह, एसडीएम-सीएमएचओ दौड़ते पहुंचे गांव

locationबलरामपुरPublished: Sep 17, 2020 12:05:31 am

Rumor: जन्म के समय बच्चे का वजन मात्र 1600 ग्राम था, अधिकारियों ने पता किया तो आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीयन के बाद मां को नियमित मिलता था पोषण आहार

पंडो परिवार के 1 माह के बच्चे की मौत के बाद उड़ी ये अफवाह, एसडीएम-सीएमएचओ दौड़ते पहुंचे गांव

SDM-CMHO in village

बसंतपुर. बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के बसंतपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बसंतपुर के महुआरीपारा में पंडो जनजाति के 1 माह के बच्चे की बुधवार की दोपहर मौत हो गई। इसके बाद क्षेत्र में अफवाह (Rumor) उडऩे लगी की बच्चे की मौत कुपोषण से हुई है। सूचना मिलते ही एसडीएम व सीएमएचओ गांव में पहुंचे और मामले की जांच की।
पता चला कि बच्चे की मां का आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीयन था तथा उसे टीका लगाने के अलावा नियमित पोषण आहार भी वितरण किया जा रहा था।

यह बात भी सामने आई कि समय से पहले डिलीवरी होने के कारण बच्चे का वजन जन्म के समय मात्र 1600 ग्राम था। इसके बाद अधिकारियों ने पीडि़त परिवार व ग्रामीणों को समझाइश दी। इसके बाद मामला शांत हो गया।

बसंतपुर थाना क्षेत्र के महुआरीपारा निवासी आनंद कुमार पंडो की पत्नी कुंती की डिलीवरी 7 अगस्त को हुई थी। बच्चे का वजन मात्र 1600 ग्राम था। बच्चे की तबियत बुधवार को अचानक खराब हो गई तो माता-पिता उसे आरएचओ दिनेश यादव के पास ले गए। आरएचओ ने उन्हें वाड्रफनगर अस्पताल ले जाने की सलाह दी।
पंडो परिवार के 1 माह के बच्चे की मौत के बाद उड़ी ये अफवाह, एसडीएम-सीएमएचओ दौड़ते पहुंचे गांव
इसके बाद वे उसे वाड्रफनगर अस्पताल ले आए। यहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए अंबिकापुर के लिए रेफर कर दिया। परिजन जब तक वाहन की व्यवस्था कर पाते, इससे पहले ही बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद परिजन बच्चे को घर ले गए। इसी बीच गांव में हल्ला (Rumor) मच गया कि बच्चे की मौत कुपोषण से हुई है।
सरपंच व अन्य ग्रामीणों के माध्यम से इसकी सूचना मिलते ही एसडीएम विनीत सिंह व सीएमएचओ गोविंद सिंह गांव में पहुंचे और उन्होंने मामले की जांच-पड़ताल की।


आंबा से मां को मिलता था पोषण आहार
अधिकारियों की पूछताछ में यह बात पता चली कि आंगनबाड़ी केंद्र में मृत बच्चे की मां का पंजीयन था तथा उसे समय-समय पर पोषण आहार भी दिया जाता था। उसे नियमित रूप से टीका भी लगाया जाता था।
यह बात भी सामने आई कि गर्भावस्था के बाद 7वें महीने में ही बच्चे ने जन्म लिया था तथा उसका वजन जन्म के समय मात्र 1600 ग्राम ही था।

इस पर एसडीएम ने ग्रामीणों की समझाइश दी कि वे शिक्षा-दीक्षा पर ध्यान दें तथा समय से पहले बच्चों की शादी न करें। समय से पहले शादी करने में जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने शासन की योजनाओं का लाभ भी ग्रामीणों से लेने कहा।
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