मोहम्मद कलील अंसारी अपनी टमाटर की खेती की सफलता का श्रेय कठिन परिश्रम के साथ राज्य पोषित योजनांतर्गत पोषण बाड़ी को देते हैं।
मोहम्मद कलील अंसारी बताते हैं कि उसके पास लगभग 2 एकड़ बाड़ी है तथा वह पहले परम्परागत तरीके से खेती करता था तथा कृषि के उन्नत तकनिकी एवं ज्ञान के अभाव में उत्पादन इतना कम होता था की परिवार के खर्च को चलाना मुश्किल हो जाता था। ज्यादा पढ़ा-लिखा न होने के कारण कुछ काम भी नहीं मिल पा रहा था।
मोहम्मद कलील अंसारी बताते हैं कि उसके पास लगभग 2 एकड़ बाड़ी है तथा वह पहले परम्परागत तरीके से खेती करता था तथा कृषि के उन्नत तकनिकी एवं ज्ञान के अभाव में उत्पादन इतना कम होता था की परिवार के खर्च को चलाना मुश्किल हो जाता था। ज्यादा पढ़ा-लिखा न होने के कारण कुछ काम भी नहीं मिल पा रहा था।
अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने तथा परिवार के आय को बढ़ाने के लिए उद्यान विभाग से सम्पर्क किया। उद्यान विभाग के अधिकारियों ने उसे उन्नत खेती करने कि सलाह दी। उद्यान विभाग की सहायता से पोषण बाड़ी योजना में भाग लेकर टमाटर (Tomato) की फसल लेने का निर्णय लिया।
मोहम्मद कलील अंसारी ने अपने बाड़ी में उद्यान विभाग की सहायता तथा मार्गदर्षन से पोषण बाड़ी योजनांतर्गत अनुदान टमाटर के बीज एवं स्वयं के व्यय पर स्थानीय बाजार से टमाटर की बीज खरीद कर 1.5 एकड़ बाड़ी में टमाटर की खेती की।
2 लाख 80 हजार कमाया लाभ
उन्नत कृषि पद्धति एवं अच्छी देख-रेख से टमाटर के फसल का बंपर उत्पादन (Bumper production) हुआ। उन्हें लगभग 800 कैरेट टमाटर की प्राप्ति हुई तथा प्रति कैरेट 700 से 900 रुपए तक नजदीकी सब्जी मण्डी तथा अम्बिकापुर, डाल्टेनगंज, गढ़वा के व्यापारी भी बाड़ी से ही नगद देकर टमाटर की खरीदी कर रहे हैं। इस प्रकार मोहम्मद कलील अंसारी को खर्चा काट कर 2 लाख 80 हजार का लाभ प्राप्त हुआ है।