अज्ञात आरोपियों ने उसकी हत्या करने के बाद शव को बोरे में बंद कर गाड़ दिया था। जानवरों द्वारा नोचे जाने से वह बाहर निकल आया था। पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम त्रिशुली निवासी 26 वर्षीय हीरालाल यादव पिता रामलोचन 17 अक्टूबर को बाइक से रामलीला देखने जाने की बात कहकर घर से निकला था लेकिन वापस नहीं लौटा। परिजन ने दो दिन की खोजबीन के बाद सनावल थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
इस बीच 5 नवंबर की शाम को छतवा जंगल में एक चरवाहे ने बोरे में बंधा एक शव को बाहर निकले देखा और तत्काल इसकी सूचना देर शाम सरपंच को दी। इसके बाद मंगलवार को विजयनगर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची।
उन्होंने देखा तो छतवा जंगल के असनाखाला नाले के बगल में शव बोरे में गड़ा हुआ था तथा जानवरों द्वारा बोरा नोचने की वजह से सिर दिख रहा था। इस पर पुलिस ने शव को बाहर निकलवाया तो वह पूरी तरह कंकाल में तब्दील हो गया था।
हीरालाल के रूप में हुई पहचान
पुलिस ने शक के आधार पर हीरालाल के परिजन को बुलवाया तो उन्होंने शर्ट-पैंट व चप्पल से शव की पहचान हीरालाल के रूप में की। इसके बाद पुलिस ने शव को पीएम के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर भेज दिया।
आशंका जताई जा रही है कि अज्ञात आरोपियों ने मृतक की हत्या करने के बाद उसके हाथ-पैर बांध कर शव को बोरे में डालकर गाड़ दिया था। साथ ही ऊपर से तीन-चार लकड़ी भी रख दी थी।