उन्होने निर्देश दिया है कि माह की 5 तारीख को आयोजित होने वाले बचपन दिवस के दौरान गतिविधियों के माध्यम से इकट्ठा पानी से होने वाली बीमारी और मच्छर से बचाव। व्यक्तिगत एवं सामुदायिक स्वच्छता पर चर्चा। खुले में शौच ना करने के लिए प्रेरित करना और हाथ धुलने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया जाएगा। माह की 15 तारीख को आयोजित ममता दिवस के दौरान कुपोषित/ अति कुपोषित बच्चों की देखभाल, स्वच्छ एवं शुद्ध पेयजल के लाभ, ऊपरी आहार का प्रदर्शन, बीमारी के दौरान मच्छरदानी का उपयोग तथा पूरी आस्तीन के कपड़े पहनने का व्यवहार सिखाया जाएगा। माह की 20 तारीख को आयोजित अन्नप्राशन के दौरान दस्त के समय 14 दिन तक जिंक और ओआरएस देने की सही जानकारी, पौष्टिक भोजन की जानकारी, भोजन ढंककर रखने व फल सब्जी आदि को धुलकर उपयोग करने की जानकारी दी जाएगी। इसी तरह माह के प्रथम बुधवार को आयोजित होने वाले सुपोषण स्वास्थ्य मेले में पंचायती राज विभाग व ग्राम्य विकास विभाग द्वारा साफ सफाई, स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल के विषय में जानकारी दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अति कुपोषित बच्चों की देखभाल और प्रबंधन तथा बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा कुपोषण के प्रभाव व इलाज की जानकारी भी दी जाएगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी सत्येन्द्र सिंह ने बुधवार को बताया कि शासन का निर्देश मिला है। 1562 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का प्रशिक्षण कराया जाना है जिसमें से रेहरा ब्लाक की 190 व उतरौला ब्लाक की 140 का प्रशिक्षण हो चुका है बाकी 1232 का प्रशिक्षण स्वास्थ्य विभाग करा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री लोगों के घर जाकर साफ सफाई, जल की स्वच्छता, मच्छर से बचाव एवं खुले में शौच से होने वाली बीमारी व संक्रमण की जानकारी देंगी साथ ही समय समय पर रैली और प्रभात फेरी निकालकर बचाव एवं उपायों की जानकारी देकर जन जागरूकता फैलाएंगी।