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शांतिपूर्ण माहौल में अदा हुई बकरीद की नमाज़, देश की अखंडता और एकता के लिये मांगी गई दुवाएं

locationबलरामपुरPublished: Aug 12, 2019 02:43:11 pm

कुर्बानी का प्रतीक ईदुल अजहा का पर्व सोमवार को पूरी अकीदत के साथ मनाया गया।लोगों ने इबादतगाहों में नमाज पढ़ी।

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शांतिपूर्ण माहौल में अदा हुई बकरीद की नमाज़, देश की अखंडता और एकता के लिये मांगी गई दुवाएं

बलरामपुर. कुर्बानी का प्रतीक ईदुल अजहा का पर्व सोमवार को पूरी अकीदत के साथ मनाया गया।लोगों ने इबादतगाहों में नमाज पढ़ी। इसके बाद घर पहुंच कर कुर्बानी दी। चाँद बीबी बाँदी साहिबा मस्जिद सहित अन्य मस्जिदों में अकीदतमंदो ने नमाज अता की।सुबह से ही नमाजी ईदगाह की ओर आते दिखाई देने लगे। मौलाना ने नमाज के बाद मुल्क की खुशहाली और तरक्की के लिए दुआ कराई। सुन्नते रसूल पर चलने की हिदायत दी। इसके बाद मौलाना ने खुत्बा पढ़ा।खुत्बा खत्म होने के बाद लोग कुर्बानी देने के लिए घर की ओर चले गए। नमाज के पहले उलेमाओं ने तकरीर में रसूल अल्लाह सल्ललाहु अलैहे वसल्लम के बारे में बताया। लोगों को उनकी सुन्नतों पर अमल करने की ताकीद की। कुर्बानी के पर्व बकरीद की फजीलत के बारे में विस्तार से बताया।पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा।

बता दे कि कुर्बानी (समर्पण) का त्योहार ईद-उल-अजहा (बकरीद) सोमवार को हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। बकरीद की नमाज अदा के बाद जानवरों की कुर्बानी की गयी। कुर्बानी का सिलसिला तीन दिन चलेगा। ईद की तैयारियों के मद्देनजर रविवार रात को मुस्लिम बहुल इलाकों में बाजार गुलजार रहे। लोगों ने देर रात तक बाजार में बकरों की खरीदारी की गई। वहीं ईदगाहों एवं मस्जिदों में ईद की नमाज के लिए ही सुबह से लोग जुटने लगे। बकरीद का त्योहार मुसलमान हजरत इब्राहिम की सुन्नत अदा करने के लिए जानवरों की कुर्बानी देकर मनाते हैं। गौरतलब है कि इस्लाम में गरीबों और मजलूमों का खास ध्यान रखने की परंपरा है। इसी वजह से बकरीद पर भी गरीबों का विशेष ध्यान रखा जाता है।इस दिन कुबार्नी के बाद गोश्त के तीन हिस्से किए जाते हैं जिसमें एक हिस्सा खुद के लिए और शेष दो हिस्से समाज के गरीब और जरूरतमंद लोगों में बांट दिए जाते हैं। ऐसा करके मुस्लिम इस बात का पैगाम देते हैं कि अपने दिल की करीबी चीज़ भी हम दूसरों की बेहतरी के लिए अल्लाह की राह में कुर्बान कर देते हैं।

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