भारत-नेपाल सीमा से सटे तराई के इस अति पिछडे क्षेत्र के लोगो को अब गम्भीर बीमारी के इलाज के लिये महानगरो की ओर नही जाना पडेगा। जब सीएम योगी ने इस जिले में मेडिकल कालेज खोले जाने की घोषणा की तो सहसा लोगो को विश्वास ही नही हुआ। लेकिन अब यहां मेडिकल कालेज खुलने के प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। यह मेडिकल कालेज भी विशिष्ट श्रेणी का होगा। केजीएमयू के अधीन यह मेडिकल कालेज कार्य करेगा और केजीएमयू के सैटेलाइट सेन्टर की भी यहां पर स्थापना की जा रही है। इसी क्रम में जिला संयुक्त अस्पताल और उसकी सारी जमीन मेडिकल एजूकेशन के नाम स्थानान्तरित हो चुकी है।
जिला संयुक्त अस्पताल के निकट ही पांच एकड़ जमीन किसानों से खरीदी गयी है जिस पर 300 बेड के टावर का निर्माण किया जायेगा। आवासीय परिसर और प्रशासनिक भवन के लिये बहदुरापुर में 27 एकड़ जमीन अधिगृहीत की गयी है। मेडिकल कालेज खुल जाने से इस क्षेत्र की 25 लाख की आबादी को न सिर्फ चिकित्सा का सीधा लाभ मिलेगा बल्कि नेपाल राष्ट्र के लोगों के लिये भी यह मेडिकल कालेज और सैटेलाइट सेन्टर वरदान साबित हो सकता है।