शरीर में पानी की कमी ना होने दें
यूं तो हम सभी को एक पूरे दिन में औसतन 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए लेकिन गर्भावस्था में व्रत के दौरान पानी पीते रहने से काम नहीं चलता है। इसलिए पानी के साथ साथ साथ छाछ, मिल्क शेक, नारियल पानी, शिकंजी और वेजिटेबल्स स्मूदी को अपने आहार में शामिल करें।
अनाप-शनाप खाने से बचें
माना कि आपके लिए पूरे दिन में थोड़े थोड़े समय के अंतराल पर कुछ न कुछ खाना आवश्यक है लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं है कि आप बाजार में मिलने वाला व्रत में खाने योग्य स्नैक्स दिन भर खाती रहें। यदि लंबे समय तक खाली पेट रहना है तो आपके लिए नुकसानदायक है तो बिना सोचे समझे कुछ भी खाते रहना फायदेमंद नहीं है।
नमक की कमी ना होने दें
व्रत के दौरान इस बात का पूरा ध्यान रखें कि सिर्फ आप मीठे पर निर्भर नहीं रहे। इस बात का ध्यान रखें कि शरीर में नमक की भी कमी से चक्कर आना और बेहद कमजोरी जैसी दिक्कतें होने लगती है। इसलिए आप चाहे तो सेंधा नमक ही क्यों न खाएं, लेकिन उसको आहार में जरूर शामिल करें।
खानपान में इन बातों का भी रखें ध्यान
– अपने आहार में मौसमी फलों और सब्जियों की मात्रा बढ़ा दें।
– दही, रायता, छाछ या लस्सी का नियमित सेवन करें।
– आप खीरा भी खा सकती है क्योंकि इसमें गर्भावस्था के लिए जरूरी खनिज लवण होते हैं।
– शकरकंद खाएं, यह बेटाकैरोटीन आयरन और फाइबर से भरपूर होता है जो पोषण देने के साथ साथ लंबे समय तक पेट भी भरा रखता है।
– बादाम, अखरोट और किशमिश रात में भिगो दें और सुबह नाश्ते में एक गिलास दूध के साथ खा लें।
– साबूदाना हल्का और सुपाच्य होता है इसलिये इसकी खिचड़ी बनाकर खाएं।
– सामक के चावल अपने आहार में शामिल करें। यह खनिज लवणों और विटामिन से भरपूर होता है। आप सामक के आटे की रोटी भी खा सकती हैं।
– व्रत के दौरान चौलाई का सेवन विशेष रूप से किया जाता है क्योंकि इसमें मौजूद मैग्नीशियम मांसपेशियों के तनाव को कम करता है और इसमें मौजूद अन्य पोषक तत्व होने वाले शिशु को फायदा पहुंचाते हैं पर इसका सेवन संतुलित मात्रा में ही करें।
– कुट्टू और सिंघाड़े का आटा विशेष रूप से खाया जाता है। इसमें विटामिन बी, विटामिन सी, कैलशियम, आयोडीन फास्फोरस और मैग्नीशियम पाया जाता है। वही कुट्टू के आटे में प्रोटीन एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर प्रचुरता में होता है इन्हें अपने फलाहार में शामिल करें।