गनीमत सिर्फ इस बात की रही कि कि इस दुर्घटना में किसी की मौत नही हुई। गन्ने के नीचे दबे छोटे वाहनों में फंसे लोगों को स्थानीय लोगों ने तत्परता से बाहर निकाल लिया। लेकिन लोगों में ओवरलोडिंग वाहनों को लेकर आक्रोश फैल गया। दो दिन पूर्व इसी स्थान पर एक और गन्ना लदा ट्राला पलट गया था। स्थानीय लोगों की ओवरलोडिंग वाहनों को लेकर पुलिस से झड़प हो गयी। कई घंटे तक बलरामपुर गोण्डा मार्ग पर आवागमन ठप हो गया। ओवरलोडिंग के खिलाफ लोगों के गुस्से को देखते हुये भारी संख्या में पुलिस बल को बुलाना पड़ा। फिर चीनी मिल की क्रेन पहुंची तब जाकर घंटो की मशक्कत के बाद रास्ता खुलवाया गया।