लेकिन विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है। मछली मण्डी पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। मछली बेचने की जगह यहां गैराज खोल दिया गया है। कुछ लोगों ने यहां की दुकानो में कब्जा कर अवैध रूप से रहना भी शुरू कर दिया है। लेकिन मत्स्य विभाग इस तरफ से आंख मूदे हुये है जबकि मछुआरा समुदाय के लोग दुकानों के आवंटन के लिये दर-दर की ठोकरे खा रहे है।
मछुवारा छोटन ने बताया कि कई बार आवंटन के लिए विभाग में प्रार्थना पत्र दिया गया। लेकिन हमेशा टाल दिया जाता था कि आंवटन होगा तो आपके प्रार्थना पत्र पर विचार किया जाएगा। बाद में पता चला कि विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से अवैध कब्जा कराया जा रहा है। पात्र को नहीं दिया जा रहा तो वहीं अपात्रों को दुकानें आवंटित की जा रही है। एडीएम अरुण कुमार शुक्ल ने कहा मामला संज्ञान में आया है।इस संदर्भ में विभाग को नोटिस भेज कर जवाब मांगा जाएगा की ऐसा क्यों और कैसे हुआ।मामले की जांच की जाएगी।