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बलरामपुर

तराई इलाकों में तेन्दुएं का आतंक, रतजगा करने को मजबूर खौफ से दहशतजदा ग्रामीण

तराई इलाकों में तेन्दुएं का आतंक, रतजगा करने को मजबूर खौफ से दहशतजदा ग्रामीण

बलरामपुरOct 26, 2017 / 06:05 pm

Ruchi Sharma

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बलरामपुर. -भारत-नेपाल सीमा से सटे बलरामपुर के तराई इलाकों में तेन्दुएं का आतंक फैला है। सोहेलवा जंगल से निकलकर ग्रामीण क्षेत्रों में आये तेन्दुएं लगातार हमले कर ग्रामीणों को घायल कर रहे है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग तेन्दुएं के खौफ से दहशतजदा है। एक माह के भीतर तेन्दुएं के हमले में एक बच्ची की मौत हो चुकी है जबकि आधा दर्जन लोग घायल हुये है। एक दर्जन से अधिक मवेशियों को भी तेंन्दुओं ने अपना निवाला बनाया है। ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत व्याप्त है।
लोग बच्चों को घरों से निकलने नहीं दे रहे है। दिन हो या रात तेन्दुएं कभी भी जंगल से निकल कर ग्रामीण इलाको में घुस आते है। जंगल के किनारे लगी गन्ने और अरहर की फसल इन जेन्दुओं के लिये मुफीद साबित रही है।
13 अक्टूबर को गर्रैया थाना क्षेत्र के अतरपरी गांव में तेन्दुएं ने हमला कर एक बच्ची को मौत के घाट उतार दिया। उसी रात रतनवा गांव में भी एक वृद्ध महिला पर हमला कर उसे घायल कर दिया। हर्रैया,ललिया,तुलसीपुर और जरवा थाना क्षेत्रो के लगभग सौ गाँवों में तेन्दुएं का आतंक है। खेतो की ओर ग्रामीण झुण्ड बनाकर निकल रहे है जबकि इन सीमावर्ती गांवों के बच्चे घरों में कैद हो चुके है। तेन्दुआ गांव में घुसकर बच्चो पर हमला न कर दे इसके लिये ग्रामीण रतजगा भी कर रहे है। जंगल से सटे रामडीह, कटकुइयां,अतरपरी, मोतीपुर कलां, मोतीपुर खुर्द, नवलडीह, दर्जिनियां, भदवा, गुगौलीकला समेत दर्जनों गांवों में तेन्दुएं की आमद-रफ्त से लोग खौफ के साये में जी रहे है।
25 अक्टूबर को दो तेन्दुएं और दो शावक तुलसीपुर थाना क्षेत्र के जयसिंहडीह गाँव के किनारे गन्ने के खेत में पहुंच गये। गन्ने के खेत में हांका कर रहे ग्रामीणों और एसएसबी जवानो पर तेन्दुएं ने हमला कर दिया । इसमें एक ग्रामीण और एसएसबी का एक जवान घायल हो गया। तेन्दुओं के खौफ से निपटने के लिये अभी तक कोई प्रशासनिक व्यवस्था नही की गयी है। वन विभाग भी हाथ पर हाथ धरे बैठा है जिसको लेकर ग्रामीणो में आक्रोश भी है। जंगल से सटे इन गाँवो में बिजली नही है जिससे रात में ग्रामीणो को भारी कठिनाइयां होती है। फूस की झोपडियों में रहने वाले ग्रामीण रात भर जागजागकर अपने बच्चो की सुरक्षा कर रहे है।
तेन्दुएं के खौफ से दहशतजदा इन गांवों के तेन्दुएं के हमले में मरने या घायल होने पर मिलनी वाली आर्थिक सहायता के बदले यहाँ विकास चाहते है। जिला प्रशासन ने भी बार्डर एरिया डेवलेपमेन्ट के अन्तर्गत इन गांवों में सोलर लाइट लगाने के साथ ही अन्य विकास कार्यों को शीघ्र करने का दवा किया है जिससे की लोगो में जंगली जानवरों के खौफ को कम किया जा सके।

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