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बलरामपुर

यहां मिड डे मील योजना के नाम पर हो रहा खिलवाड़, सरकारी स्कूलों में बच्चों को यह खिला रहे जिम्मेदार, देखें Exclusive वीडियो

बलरामपुर जिले के प्राथमिक विद्यालय शेखरपुर प्रथम का हाल

बलरामपुरOct 13, 2019 / 06:59 pm

Hariom Dwivedi

mid day meal reality check

मध्यान्ह भोजन योजना के नाम पर मासूम बच्चों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है

बलरामपुर. क्या आपने कभी पंजीरी का हलवा खाया है? सुनकर आपको आश्चर्य होगा, लेकिन बलरामपुर के सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना के नाम पर पंजीरी का हलवा परोसा जा रहा है। हलवा भी ऐसा जो पंजीरी को घोलकर बना दिया गया है। तमाम बच्चों का पेट नहीं भरता और तमाम बच्चे इसे खाते भी नहीं। पंजीरी के इस हलुए का नमूना देखने को मिला सदर शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय शेखरपुर प्रथम में।
मध्यान्ह भोजन योजना के नाम पर मासूम बच्चों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है। जब हम हम इस विद्यालय में पहुंचे तो बच्चों को भोजन परोसा जा रहा था। मीनू के अनुसार शनिवार को बच्चो को सोयाबीन की सब्जी और चावल परोसा जाना था, लेकिन हमने एक छोटे से भगोने में पंजीरी का घोल देखा जिसे हलुवा बताकर बच्चों की थाली में परोसा जा रहा था। यह पंजीरी स्कूल परिसर में चलाये जा रहे आंगनवाडी केन्द्र से ली गयी थी।
भूख से बिलबिला रहे थे बच्चे
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका नीलम पाण्डेय बिना किसी पूर्व सूचना के तीन अक्टूबर से विद्यालय से गायब थीं। बच्चे भूख से बिलबिला रहे थे और कुछ मासूम बच्चे पंजीरी का हलुआ खत्म हो जाने के बाद अपनी अंगुली चाट रहे थे। कुछ ऐसे भी बच्चे थे, जिन्होंने कहा कि जब सब्जी और चावल बनता है तब पेट भरता है और जब हलुआ बनता है तो पेट नहीं भरता। इसी कारण कुछ बच्चे हलवा खाते भी नहीं।
भगोने को पोछ-पोछ कर खा रहे रसोइये
छोटे से भगोने से पोछ-पोछ कर रसोइया बच्चों को नाममात्र का पंजीरी का घोल पकडा रही थी। जब रसोइये से इस बाबत पूछा गया तो उसने कहा कि जो मिलता है वही बनाते हैं। स्कूल में बच्चों के साथ किये जा रहे इस भद्दे मजाक की सूचना जब बीएसए को दी गयी तो वो भी भागते हुये स्कूल पहुँचे और खाने के नाम पर मासूम बच्चों के साथ किये जा रहे इस भद्दे मजाक को काफी गम्भीरता से लिया।
बीएसए ने कहा- होगी कार्यवाही
पंजीरी का हलुआ देख बीएसए हरिहर प्रसाद खुद भौंचक रह गये। बीएसए के सामने बच्चों ने कबूला कि पंजीरी का यह हलवा अक्सर बनता है। तीन महीने से बच्चों को फल नहीं वितरित किया गया है। एक साल से बच्चों को दूध नही दिया गया है। स्कूल में 109 बच्चों के सापेक्ष 53 बच्चे उपस्थित पाये गये। बीएसए ने इस घटना के काफी गम्भीरता से लेते हुये दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की बात कही है।
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