माता-पिता मृत बच्ची की लाश को गोद में लेकर जिलाधिकारी आवास पहुंचे, लेकिन वहां भी जिलाधिकारी उनके गार्डों ने उन्हें गेट के अंदर नहीं जाने दिया, जिसपर वो सड़क किनारे बैठकर अपने मृत बच्ची को गोद में लेकर न्याय के लिए रोते-बिलकते रहे।
मामला कुछ यूं है कि किसानों का गल्ला कई दिनों से बांदा की मंडी समिति में बेचने के लिए पड़ा है जिसपर कई दिन बीत जाने के बाद भी उनका नंबर नहीं आ रहा है, जिसपर जानवर व बारिश से उनका गल्ला बर्बाद हो रहा है।
इसको लेकर आज जिले के मुरवल गांव के पास आहार चौराहे में किसानों ने सड़क जामकर दिया व प्रदर्शन करने लगे। उसी जाम में फंसे गरीब दम्पति अपनी 5 माह की मासूम बच्ची को लेकर इलाज के लिये बांदा आ रहे थे, लेकिन लगभग दो घंटे से जाम में फंसे होने के कारण समय से उपचार के लिऐ न पहुंच सका और वहीं बस के अन्दर बच्ची ने अंतिम सांस लेकर दम तोड़ दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार बच्ची को मुरवल सीएचसी में भर्ती कराया गया था जहां डॉक्टरों ने बांदा जिला अस्पताल के लिये रिफर कर दिया गया था, बच्ची को लेकर गरीब पति-पत्नी बस में सवार हो गए और बांदा के लिये आ रहे थे। वहीं किसानों ने जाम लगा दिया था बच्ची के माता-पिता बहुत घबरा गए थे।
उहोंने वहां मौजूद किसानों से और पुलिस प्रशासन से मदद की गुहार लगाई, बमुश्किल उनको वहां से बांदा के लिऐ रवाना किया गया था, लेकिन उनकी बच्ची की वहीं बस के अंदर ही मौत हो चुकी थी जिला अस्पताल में चिकित्सकों ने बच्ची को मृतक घोषित कर दिया। वहीं बच्ची के माता-पिता ने रो-रो कर बताया कि हमे डॉक्टरों ने कहा कि अब आप लोग यहां से जाइये, फिर हम जिलाधिकारी के आवास में आये थे, उनसे मिलकर शिकायत करेंगे कि हमारी बच्ची को समय से इलाज नहीं मिल सका क्योकि किसानों ने जाम लगा रखा था, वही बस के अंदर हमारी बच्ची ने दम तोड़ दिया था। लेकिन डीएम साहब के आवास के अंदर नहीं जा सके, उनके यहां तैनात गार्डों ने नहीं जाने दिया, अब हम किसके पास अपनी फरियाद सुनाये हमारे 3 बच्चे हैं दो लड़के और यही एक लड़की थी, अब हम क्या करें ।