20 और 25 जून को होने वाले ये दोनों समारोह पूरी तरह से प्रकृति सम्यक होंगे। समारोह में आतिशबाजी के साथ डीजे और प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा, वहीं मण्डप से लेकर वर पक्ष की अगुवाई तक पर्यावरण संरक्षण की परिकल्पना केंद्रित रहेगी। विवाह भोज भी पत्तलों पर कराया जाएगा। इतना ही नहीं स्थानीय वन विभाग भी इस विवाह का साक्षी बनेगा।
नरैनी क्षेत्र के खरौंच गांव निवासी अशोक कुमार पटेल की बेटी लक्ष्मी की शादी 20 जून को है। 21 जून को विदाई होगी। अशोक ने कार्ड पर साफ-साफ छपवाया है कि बारातियों को विदाई के वक्त एक-एक पौधा उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ये पौधे उन्होंने खुद अपनी नर्सरी में तैयार किये हैं। 25 जून को प्रीति की शादी में भी उसके परिजन बारातियों को गिफ्ट में एक-एक पौधा देंगे। ये पौधे वन विभाग की ओर से वितरित किये जाएंगे। दोनों ही परिवारों के परिजनों का कहना है कि आम लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता लाने के लिये उन्होंने ये कदम उठाया है।
पर्यावरण बचाओ-देश बचाओ
पेड़ पौधे मत करो नष्ट, सांस लेने में होगा कष्ट।
जन-जन में चेतना लाओ, पर्यावरण की अलख जगाओ।
सारी धरती करे पुकार, पर्यावरण में करो सुधार।
पर्यावरण का रखें ध्यान, तभी बनेगा देश महान।
बुंदेलखंड में हरियाली के लिये सरकार प्रति वर्ष करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन हरियाली यहां से नदारद है। अब आम लोगों को जागरुक करने के लिये पर्यावरण प्रेमियों ने नया तरीका निकाला है। इसकी हर तरफ तारीफ हो रही है। शुरू से ही पत्रिका भी अपने सामाजिक सरोकार निभाता आया है। पर्यावरण के मुद्दे पर पत्रिका ने ‘हरियाली का सच’ नाम से एक अभियान चलाया हुआ था। हरियाली का सच अभियान के तहत पत्रिका ने सरकार और लोगों के सामने हरियाली का सच रखा। इसमें यह भी सामने आया कि हर साल बड़ी संख्या में पौधे तो रोपित किये जाते हैं, लेकिन इनका संरक्षण नहीं हो पाता। वन विभाग के लखनऊ मंडल के मुख्य वन संरक्षक प्रवीण राय ने बताया कि अब वन विभाग ने पौधों के संरक्षण के लिये चार चरणों की कार्ययोजना तैयार की है।