जिला अस्पताल में शनिवार को उस समय हंगामा हो गया जब एक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई। ड्यूटी में तैनात डॉक्टर पर गलत इलाज का आरोप लगाते हुए मृतक के परिजन इतने आक्रोशित हो गए कि डॉक्टर को मौके से भागना पड़ा। हंगामा बढ़ता देख पुलिस को सूचना दी गयी और भारी पुलिस फ़ोर्स के साथ मौके पर पहुंचे सीओ सिटी ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया तब जाकर आक्रोशित परिजन शांत हुए। दरअसल सुबह शहर कोतवाली के शंकरनगर निवासी 23 वर्षीय प्रिंसू गुप्ता को सीने में दर्द होने पर परिजन जिला अस्पताल लाए थे जिस पर इमरजेंसी में तैनात डा0 विनीत सचान ने प्रिंसू को इंजेक्शन लगाया था और बाहर से दवाएं लिख कर घर भेज दिया था, लेकिन दोपहर में फिर प्रिंसू को दर्द हुआ और बेहोशी की हालत में परिजन उसे दोबारा जिला अस्पताल लाए जहाँ इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
परिजनों का कहना था कि सीने में दर्द के बावजूद प्रिंसू का हार्ट चेकअप नहीं किया गया और कई दवाएं और इंजेक्शन दिए गए जिससे उसकी मौत हुई है। वहीं इस मामले में सीएमओ बाँदा का कहना है कि युवक को बाँदा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसका प्राथमिक उपचार डॉक्टर ने किया था, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई, जिससे नाराज परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने पर मैं अस्पताल गया व आक्रोशित लोगों को समझाबुझा कर शांत कराया। बताया कि मृतक की मौत की वजह क्या है? ये पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही कोई निष्कर्ष निकाला जाएगा।