पिता के नाम से ठगे 1 लाख रूपए
महिला ने बताया कि वह काम से घर जा रही थी तभी उसे अनजान नंबर से फ़ोन आया और फ़ोन पर एक व्यक्ति ने महिला को उसके पिता का दोस्त बताते हुए पीड़िता से कहा कि उसके पिता ने उसके अकाउंट में कुछ पैसे भेजने के लिए कहा है और UPI ID मांगी है। पीड़िता ने अपनी UPI ID अनजान व्यक्ति को दी। इसके कुछ देर बाद जालसाज ने उसे कुछ निर्देश दिए। महिला ने बताया कि जैसे ही उसने व्यक्ति के बताये निर्देशों को पूरा किया, उसके बैंक अकाउंट से 2 बार में 25 हजार और 50 हजार निकाल लिए गए। कुल तीन ट्रांजेक्शन के तहत महिला के बैंक खाते से 1 लाख रूपए ठग लिए गए।
पीड़ित महिला ने बताया कि जब महिला ने इस बात की जानकारी अपने पिता को दी तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि वो भला क्यों किसी को उसके खाते में पैसे भेजने के लिए कहेंगे।
पुलिस से भी मिली महिला को निराशा
महिला ने बताया कि जब उसने साइबर अपराध की हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करने के लिए फ़ोन किया लेकिन वहां का स्टाफ हिंदी या अंग्रेजी समझने में असमर्थ था।
इसके साथ ही पैसे खोने के एक घंटे से भी कम समय में महिला शिकायत दर्ज कराने और खाता फ्रीज कराने के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन पहुंची। हालाँकि, स्टेशन पर अधिकारियों ने अपनी प्रतिक्रिया देने में देरी की और मुख्यमंत्री और राज्यपाल की सुरक्षा ड्यूटी में व्यस्त होने का दावा किया। महिला ने खेद जताते हुए कहा कि अगर कोई मुख्यमंत्री या राज्यपाल आ रहे हैं, तो क्या इसका मतलब यह है कि वे आम आदमी की सुध नहीं लेंगे। हम उनसे कहते रहे कि शरारती तत्वों के खाते को फ्रीज करने के लिए कदम उठाएं, लेकिन उन्होंने देरी कर दी।
पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को महिला को फोन किया और बताया कि वे उस व्यक्ति का खाता फ्रीज करने के लिए बैंक को एक ईमेल भेज रहे हैं।