एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा के 154 में से 111 उम्मीदवार दोबारा चुनावी मैदान में हैं। इनमें से 30 उम्मीदवारों पर आपराधिक जबकि 19 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। लगभग 27 फीसदी भाजपा उम्मीदवार आपराधिक और 17 फीसदी गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपी हैं। भाजपा के दोबारा चुनाव लड़ रहे 87 फीसदी यानी, 97 प्रत्याशी करोड़पति हैं। इनकी औसत संपत्ति 8 करोड़ से अधिक हैं।
कांग्रेस के घोषित 218 उम्मीदवारों में से 148 दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं और इनमें से 48 पर आपराधिक जबकि 23 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। कांग्रेस के 32 फीसदी उम्मीदवार आपराधिक मामले और 16 फीसदी गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपित हैं। कांग्रेस के दो बार चुनाव लड़ रहे 91 फीसदी यानी 134 उम्मीदवार करोड़पति हैं और उनकी औसत संपत्ति 28 करोड़ से अधिक है।
जनता दल (ध) ने जिन 126 उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें से 58 दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं और इनमें से 17 आपराधिक व 9 गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपित है। यानी, 29 फीसदी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि 16 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले हैं।
दोबारा चुनाव लडऩे वाले पार्टी के 46 करोड़पति उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 14 करोड़ से अधिक हैं। कुल 79 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति श्रेणी में आते हैं। अब तक घोषित किए गए सभी उम्मीदवारों में कांग्रेस के गोविंदराज नगर के प्रत्याशी प्रियाकृष्णा सबसे अमीर हैं। उनकी संपत्ति 910 करोड़ से अधिक है। वहीं तूमकूरु से भाजपा उम्मीदवार बिटट्स्वामी की संपत्ति सबसे कम (करीब 1 लाख) है।
एडीआर ने कहा है कि राजनीतिक दलों को गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने से बचना चाहिए। उन्हें धन-बल के दुरुपयोग, मतदाताओं को रिश्वत और मुफ्त चीजें बांटने के खिलाफ एक स्टैंड लेना चाहिए। साथ ही पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए उन्हें इस बात का खुलासा करना चाहिए कि उम्मीदवारों के चयन का आधार क्या है।