एचएएल ने कहा है कि भारतीय वायुसेना ने 40 तेजस विमान बनाने के आर्डर दिए थे जिसमें से आधे आईओसी मानक के औऱ आधे अंतिम परिचालन मंजूरी (एफओसी) मानक के तैयार किए जाने थे। बाद में आर्डर किए गए 40 विमानों में से 16 आईओसी और 16 एफओसी मानक के जबकि शेष 08 ट्रेनर विमान भी एफओसी मानक के तैयार किए जाने की बात कही गई। तेजस विमानों को भारतीय वायुसेना एक जुलाई, 2016 को भारतीय वायुसेना में शामिल कर लिया गया था। एलसीए का उत्पादन 2014 में शुरू हुआ था। तब उसकी उत्पादन क्षमता सालाना 08 थी लेकिन बेंगलूरु एयरक्राफ्ट डिविजन में तेजस उत्पादन के लिए दूसरी इकाई तैयार की गई जिसके बाद उत्पादन क्षमता बढ़कर सलाना 16 हो गई है।
हाल ही में तेजस के अंतिम परिचालन मंजूरी से सम्बन्धित डिजाइन और अन्य दस्तावेज मिल गए हैं। यह मंजूरी मिलने के बाद एचएएल अब अंतिम परिचालन मंजूरी मानक के तेजस बनाने का काम शुरू करेगा। ये दस्तावेज वैमानिकी विकास एजेंसी (एडीए) ने एचएएल को सौंपा है। एफओसी मानक के पहले तेजस की उड़ान इस साल के अंत तक होने की उम्मीद है।
तेजस विमानों ने भारतीय वायुसेना के गगनशक्ति युद्धाभ्यास के दौरान अपनी प्रहारक क्षमता का प्रदर्शन किया था। इस दौरान तेजस ने हवा से हवा में मार करने वाली डर्बी मिसाइल दागा था। तेजस विमान इन दिनों मलेशिया की लीमा रक्षा प्रदर्शनी में भाग ले रहा है।