यलहंका पुलिस के अनुसार घटना स्थल पर विशष डेस्क आरंभ किए जाने के बाद मालिकों को पुलिस विभाग और परिवहन विभाग से रसीदें दी गई थीं। बीमा कंपनियों ने इन रसीदों को स्वीकार कर १२ कार मालिकों को सीधे बीमा की दावा पूर्ति की थी। इसलिए पुलिस को कोई सूचना नहीं मिली थी। इसके बाद कारों की इंजिनों के चैसिस नंबर के आधार पर कार मालिकों के घर जाकर बीमा का दावा करने के सिलसिले में विवरण संग्रहित किया गया। एक कार के मालिक का पता नहीं चला। उसकी तलाश की जारी है।
एक कार मालिक अरुण पटेल ने बताया कि बीमा की राशि तो मिल गई, लेकिन कार से उनका विशेष लगाव था, उसे कैसे भूला जा सकता है। गुलशीर अंसारी ने कहा कि सरकार और संबंधित विभागों की त्वरित कारवाई से बीमा राशि मिल गई। पांच साल पहले ११ लाख रुपए में कार खरीदी थी, अगर उसे बेचते तो ७ लाख रुपए मिल सकते थे। अब पांच लाख रुपए ही मिले हैं। एक और कार मालिक अश्वथ नारायण की महंगी कार जल गई थी। उन्हें केवल ६.२ लाख रुपए प्राप्त हुए।
मादक पदार्थ बेचने वाला गिरफ्तार
बेंगलूरु. पुलिस आयुक्त कार्यालय के केंद्रीय अपराध जांंच शाखा (सीसीबी) अधिकारियों ने एक बस चालक को गिरफ्तार कर १५ लाख रुपए का सात किलो गांजा जब्त किया है। पुलिस के अनुसार ओडिशा निवासी ईरा माली (४९) तीस साल पहले रोजगार की तलाश में बेंगलूरु आया था। उसने एक पुरानी बस ख्ररीदी और मंड्या जिले में चलाने लगा। बस चलाने के साथ ही यात्रियों और अन्य लोगों को मादक पदार्थ बेचता था। उसने मंड्या जिले में नेटवर्क फैला रखा था और इसके लिए एजेंट भी रखे थे। आरोपी को काडुगोडी के निजी बस अड्डे से गिरफ्तार किया गया। उसके खिलाफ काडुगोडी पुलिस ने मामला दर्ज किया है।