उपमुख्यमंत्री ने ट्वीट कर पूरे मामले की विस्तार में जानकारी दी और बताया कि परिवार के कुल आठ सदस्य संक्रमित हुए। उनकी पत्नी कुछ दिन पहले ही कोविड से उबरी हैं और संक्रमण के कारण वे खुद 19 दिन अस्पताल में उपचाराधीन रहे।
विपक्ष की आलोचनाओं के बीच उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इसी कारण से वे बागलकोट और कलबुर्गी जिले में बाढ़ का जायजा लेने नहीं जा पा रहे हैं। कारजोल बागलकोट और कलबुर्गी के जिला प्रभारी मंत्री हैं। भीमा नदी के कारण कलबुर्गी में स्थिति गंभीर बनी हुई है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बेहद जरूरी होने पर ही वे घर से बाहर निकल रहे हैं। चिकित्सकों ने भी उन्हें लंबी यात्रा करने से मना किया है। ऐसी स्थिति में वे घर से ही बाढ़ से उत्पन्न परिस्थितियों का जायजा ले रहे हैं और लगातार जिला प्रशासन के संपर्क में रहकर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य में 21 से 26 सितंबर तक विधानसभा सत्र जारी रहने के दौरान कारजोल के कोरोना वायरस संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी।