रविवार को कावेरी और विजया हाथियों के साथ अभिमन्यु ने महल परिसर में रिहर्सल शुरू किया। इस दौरान जय मार्तंड गेट से वह झूमते हुए चला और कोडी सोमेश्वरस्वामी मंदिर और वराहस्वामी मंदिर होते हुए जम्बो सवारी के प्रारंभिक बिंदु तक पहुंचा और सलामी दी।
ऐसे हुई तैयारी इससे पहले शाही परिवार के आवास के पास क्रेन से पूजा की गई और अभिमन्यु की पीठ पर लकड़ी का हौदा रखा गया। सबसे पहले अभिमन्यु की पीठ पर एक कुशन जैसी सामग्री बांध दी गई, जिस पर 350 किलो वजन के लकड़ी के हौदा को रस्सी के साथ रखा गया। बाद में वजन बढ़ाकर 600 तक करने के लिए 250 किलोग्राम वजन का सैंड बैग रखा गया। सोमवार से अभिमन्यु आयुध पूजा से एक दिन पहले तक 750 किलो वजन लेकर रिहर्सल करेगा।
सोमवार से 750 किलोग्राम वजन ढोएगा अभिमन्यु मुख्य वन संरक्षक टी हीरालाल ने कहा कि दशहरा के जम्बो जुलूस में शामिल होने वाले सभी हाथियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और अभिमन्यु ने रविवार को कुल 600 किग्रा वजन उठाया। उन्होंने विश्वास जताया कि सभी हाथी जम्बो सवारी के ग्रैंड फिनाले के लिए अच्छी तरह से तैयार हो गए हैं।
विजयदशमी के जुलूस में पहली बार स्वर्ण हौदा ले जाने की जिम्मेदारी 54 वर्षीय हाथी अभिमन्यु पर होगी। अब तक हौदा ढोते आए अर्जुन की उम्र 60 साल हो जाने के बाद उसे इस जिम्मेदारी से मुक्त किया गया है।
जम्बो सवारी जुलूस में इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण चौदह के बजाय पांच हाथी ही शामिल होंगे।
मालूम हो कि अभिमन्यु, विक्रम, गोपी, कावेरी और विजया नामक हाथी 26 अक्टूबर को मैसूर पैलेस में निकाले जानेवाले जम्बो सवारी जुलूस में भाग लेंगे।
मालूम हो कि अभिमन्यु, विक्रम, गोपी, कावेरी और विजया नामक हाथी 26 अक्टूबर को मैसूर पैलेस में निकाले जानेवाले जम्बो सवारी जुलूस में भाग लेंगे।