उन्होंने कहा कि इंजेक्शन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है। घरेलू निर्माताओं को भी प्रोत्साहन मिल रहा है।
ब्लैक फंगस संक्रमण (म्यूकोरमाइकोसिस) के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में ब्लैक फंगस के 2,828 से ज्यादा मरीजों की पुष्टि हुई है। इनमें से 2,314 मरीजों का उपचार जारी है जबकि 216 मरीजों की मौत हुई है। 181 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। 117 संक्रमित चिकित्सकों के सलाह के विरुद्ध अस्पताल से चले गए।
ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने इस बीमारी से संबंधित दिशा-निर्देश जारी कर कोविड से उबरे मरीजों को सावधानी बरतने की अपील की है। मधुमेह, कैंसर, टीबी, गुर्दा व अंग प्रत्योरोपण सहित विभिन्न कारणों से स्टेरॉयड आदि दवा ले रहे कोविड इस इससे उबर चुके मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। चेहरे का दर्द, गाल दर्द, नाक से खून, नाक से दुर्गंधयुक्त स्राव, नाक में पपड़ी जमना, तालू का रंग बदलना, आंखों के पीछे दर्द होना, एक के दो दिखना, दांतों का ढीला होना, बंद नाक, आंखों में सूजन, लालीपन व देखने में दिक्कत आदि समस्याओं को किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
मधुमेह सहित अन्य गंभीर बीमारियों से पीडि़त अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों का उपचार विशेष चिकित्सकों की टीम के अंतर्गत होगा। चिकित्सकों को स्टेरॉयड के न्यूनतम उपयोग व इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग दवा बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।