ये बातें राष्ट्रीय मानसिक आरोग्य व स्नायु विज्ञान संस्थान (The National Institute of Mental Health and Neuro-Sciences – निम्हांस) के निदेशक डॉ. जी. गुरुराज ने गुरुवार को विश्व स्ट्रोक दिवस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और निम्हांस की साझेदारी में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि विश्व में प्रतिवर्ष 15 मिलियन लोग स्ट्रोक के शिकार होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इनमें से पांच मिलियन लोगों की मौत हो जाती है जबकि पांच मिलियन लोग नि:शक्त हो जाते हैं। रक्तचाप, मधुमेह, धूम्रपान, शराब, कोलेस्ट्रॉल और मोटापा (Diabetes, high blood pressure, smoking, alcohol, cholesterol and obesity) आदि से दूर रहा जाए तो स्ट्रोक से बचा जा सकता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवा के निदेशक डॉ. ओम प्रकाश पाटिल ने कहा कि स्ट्रोक नि:शक्तता और मृत्यु का बड़ा कारण है। गोल्डन ऑवर में अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण स्ट्रोक के कई मरीज बिस्तर पर जीवन बिताने पर मजबूर हैं। स्ट्रोक प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग हब एंड स्पोक मॉडल अपनाएगा जिसके तहत प्रदेश के विभिन्न अस्पताल निम्हांस से जुड़े होंगे।
मंत्री ने किया प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन
इससे पहले स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने स्ट्रोक प्रबंधन ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसके तहत सरकारी अस्पतालों के गैर-विशेषज्ञों चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव जावेद अख्तर और स्वास्थ्य आयुक्त पंकज कुमार पांडे ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।