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बैंगलोर

अज्ञानी मनुष्य के तीन दोष

विल्सन गार्डन संघ में साध्वी प्रतिभा के सान्निध्य में साध्वी दीक्षिता ने श्रीपाल चरित्र की व्याख्या करते हुए कहा कि अपने आप की निंदा करना, पाप से पीछे हटना, उत्तम जीव होने या बनने के लक्षण हैं।

बैंगलोरOct 10, 2019 / 08:11 pm

Santosh kumar Pandey

अज्ञानी मनुष्य के तीन दोष

अज्ञानी मनुष्य के तीन दोष

बेंगलूरु. विल्सन गार्डन संघ में साध्वी प्रतिभा के सान्निध्य में साध्वी दीक्षिता ने श्रीपाल चरित्र की व्याख्या करते हुए कहा कि अपने आप की निंदा करना, पाप से पीछे हटना, उत्तम जीव होने या बनने के लक्षण हैं। अधम जीव पाप को छुपाने का प्रयत्न करते हैं। उस प्रयत्न में दूसरों को हानि पहुंचाते हैं। उसका परिणाम स्वयं को ही भुगतना पड़ता है।
साध्वी ने कहा कि अज्ञानी मनुष्य तीन दोषों से पीडि़त रहता है। वह न तो खुद शांति से रहता है, न ही चैन पूर्वक साधना करने देता है। ऐसा व्यक्ति हमेशा गलत बातों में गलत विचारों से अपने मन को दूषित रखता है। इतना ही नहीं, वह पाप की गहराई में जाने के सारे उपक्रम करता रहता है।
दुष्ट जीव, बारंबार अपनी दुष्टता में असफल होने पर भी दुष्टता नहीं छोड़ते, विचार तक नहीं करते और श्रेष्ठ जीव दुष्टों की इस दुष्टता को जानने तथा अनुभव करने के पश्चात भी अपने मन को संबुद्ध बनाए रखते हैं। धर्मसभा का संचालन संघ के अध्यक्ष मीठालाल मकाना ने किया।

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