उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानून से किसानों के हितों की रक्षा करने का प्रयास किया गया है। ऐसे क्रांतिकारी प्रयास का विरोध करना गलत है। इसका विरोध करने वालों के पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है। इसके बावजूद वे बिचौलियों के हितों की रक्षा के लिए किसानों को भ्रमित कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि नए कानूनों के कारण कृषि उपज बड़े पैमाने पर निर्यात होगी जिससे किसानों का फायदा होगा। कृषि उपज का खरीदार किसानों से केवल खरीदी मूल्य को लेकर समझौता करेगा। किसान को उपज बेचने से पहले ही उसकी कीमत पता हो सकेगी और इस पारदर्शी व्यवस्था से किसान का नुकसान रुकेगा।
सहकारिता मंत्री एसटी सोमशेखर ने कहा कि अब कृषि घाटे का नहीं बल्कि लाभ का सौदा साबित होगा। अब कृषि उपज पर वास्तविक रूप से किसानों का ही अधिकार होने के कारण उसे कोई लूट नहीं सकेगा।
लॉकडाउन के दौरान किसानों की मदद : मंत्री बेंगलूरु. लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार ने हापकाम्स के माध्यम से बागवानी उत्पाद खरीद कर किसानों की हरसंभव मदद की है। रेशम तथा बागवानी मंत्री केसी नारायण गौडा ने यह बात कही।विधान परिषद में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने कांग्रेस के एन नारायणस्वामी के सवाल के जवाब में कहा कि बागवानी उत्पाद खरीद कर पडोसी राज्य तथा विदेशों को भी भेजे गए बागवानी मंत्री के इस जवाब से असंतुष्ठ कांग्रेस के कई सदस्य एक साथ उठकर मंत्री के साथ बहस करने लगे तब सभापति ने हस्तक्षेप करते हुए केवल प्रश्नकर्ता को ही बोलने की अनुमति दी।
कांग्रेस के सदस्यों का कहना था की राज्य के कई जिलों में बागवानी उत्पाद नहीं खरीदे जाने के कारण ऐसे उत्पाद खेतों में ही सड़ गए है। बागवानी मंत्री ने फिर एक बार इस मामले को लेकर स्पष्टीकरण दिया लेकिन इससे विपक्ष संतुष्ट नहीं था, तब सभापति ने विपक्ष के सदस्यों को इस मामले को लेकर सदन में आधे घंटे का समय आवंटित करने का आश्वासन देकर शांत किया।