उप वन संरक्षक (हासन मंडल) के. एन. बसवराज ने बताया कि घटना तब घटी जब बेंडेकेरे में मोटरसाइकिल पर बच्चे के साथ जा रहे दंपती पर तेंदुए ने अचानक पीछे से हमला बोल दिया। सभी बाइक से जमीन पर आ गिरे। तेंदुए ने महिला का एक पांव दबोच लिया। चीख-पुकार सुन आसपास खेतों में काम कर रहे ग्रामीण मौके पर पहुंचे और तेंदुए को घेर लिया। उसे पीट-पीटकर मार डाला।
बसवराज ने बताया कि तेंदुए ने इससे पहले सोमवार को बेंडेकेरे से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित बायरगोंडनहल्ली के भोवी कॉलोनी में एक मां और बेटे पर हमला कर दिया था। इस घटना के बाद वन विभाग ने तेंदुए को पकडऩे के लिए जाल बिछाया। इस दौरान तेंदुए ने पशु चिकित्सक पर भी हमला बोला। लेकिन पकड़े जाने से पहले चकमा दे फरार हो गया।
बसवराज के अनुसार तेंदुआ भूखा-प्यासा और कमजोर (Leapard was hungry, thirsty and weak) था। शायद इसी कारण वे ग्रामीणों के हमले से खुद को बचा नहीं सका। बीते कई दिनों से गांव और आसपास के क्षेत्रों में देखा जा रहा था। बसवराज ने बताया कि प्राथमिक जांच के अनुसार बाघ पर हंसिए से भी हमला किया गया था क्योंकि उसके शरीर पर कटे के तीन निशान मिले हैं। शव परीक्षण रिपोर्ट में मौत के सटीक कारणों का पता चलेगा।