मैसूरु के दो संस्थानों को मिला स्वायत्त दर्जा
राज्य के जिन पांच शिक्षण संस्थानों को यूजीसी से स्वायत्त दर्जा मिला है, उनमें से दो मैसूरु में ही हैं। मैसूरु विश्वविद्यालय के अतिरिक्त मैसूरु जिला स्थित जेएसएस एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च (जेएसएस विश्वविद्यालय) को डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी (श्रेणी-।।) के तहत स्वायत्त दर्जा मिला है। जेएसएस विश्वविद्यालय को एनएएसी के स्कोर में ३.३४ स्कोर मिला है।
उच्च शैक्षणिक मानकों को बनाए रखेंगे: प्रभारी कुलपति
यूओएम को स्वायत्तता दर्जा मिलने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. सी. बसवराजू ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि यूओएम को यूजीसी से स्वायत्तता दर्जा प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा, उच्च शैक्षणिक मानकों और उत्कृष्टता बनाए रखने के मद्देनजर विश्वविद्यालय को स्वायत्तता प्रदान की गई है। स्वायत्त स्थिति के साथ, आने वाले दिनों में यूओएम को नए पाठ्यक्रम शुरू करने की आजादी होगी जो अद्वितीय प्रारूप पर होगा और इसमें कई प्रशासनिक योजनाएं शामिल होंगी। नए शैक्षणिक वर्ष में कोई नया पाठ्यक्रम शुरू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल हमें इस संबंध में यूजीसी से आधिकारिक सर्कुलर नहीं मिला है। एक बार सर्कुलर मिलने के बाद हम सिंडिकेट सदस्यों के साथ बैठक में इस पर चर्चा करेंगे।
यूओएम को स्वायत्तता दर्जा मिलने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. सी. बसवराजू ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि यूओएम को यूजीसी से स्वायत्तता दर्जा प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा, उच्च शैक्षणिक मानकों और उत्कृष्टता बनाए रखने के मद्देनजर विश्वविद्यालय को स्वायत्तता प्रदान की गई है। स्वायत्त स्थिति के साथ, आने वाले दिनों में यूओएम को नए पाठ्यक्रम शुरू करने की आजादी होगी जो अद्वितीय प्रारूप पर होगा और इसमें कई प्रशासनिक योजनाएं शामिल होंगी। नए शैक्षणिक वर्ष में कोई नया पाठ्यक्रम शुरू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल हमें इस संबंध में यूजीसी से आधिकारिक सर्कुलर नहीं मिला है। एक बार सर्कुलर मिलने के बाद हम सिंडिकेट सदस्यों के साथ बैठक में इस पर चर्चा करेंगे।
8 निजी विवि की मान्यता पर लटकी तलवार
बेंगलूरु. राज्य का उच्चतर शिक्षा विभाग जल्द ही आठ उच्च शिक्षण संस्थानों को निजी विश्वविद्यालयों के रूप में चलाने की अनुमति वापस लेने के बारे में एक आधिकारिक निर्णय लेगा। इन शैक्षणिक संस्थानों को अनुमति मिले पांच साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक उनका संचालन शुरू नहीं हुआ है। इन संस्थानों को पूर्व में कई बार स्पष्टीकरण के लिए नोटिस भेजा जा चुका है, लेकिन उच्च शिक्षा कर्नाटक परिषद के अधिकारियों के मुताबिक उनमें से कुछ ने ही जवाब दिया है। अंतिम चरण के रूप में परिषद द्वारा राज्य सरकार को आगे की कार्रवाई करने के लिए कहा जाएगा। परिषद के कार्यकारी निदेशक प्रो. एस.ए. कोरी ने कहा कि इन संस्थानों को विश्वविद्यालय के रूप में चलाने की अनुमति पिछली सरकार द्वारा दी थी। अब इनका पांच साल हो गया है। विश्वविद्यालयों को निर्धारित समय सीमा के भीतर काम शुरू करना चाहिए था, लेकिन वे कार्यान्वित करने में विफल रहे हैं। इधर, कुछ संस्थानों का कहना है कि उन्हें अब तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से स्वीकृति नहीं मिली है। कुछ का यह भी कहना है कि उनका आवेदन लंबित है, जब तक यूजीसी से मान्यता नहीं मिल जाती, तब तक कार्य शुरू नहीं किया जा सकता। एक ओर कई संस्थान विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने के बाद भी कामकाज करने में विफल रहे हैं, वही दूसरी ओर निजी विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त करने की मांग बढ़ रही है। हाल ही, श्री धर्मस्थला मंजुनाथेश्वरा कॉलेज और ख्वाजा बंदे नवाजन संस्थान को निजी विश्वविद्यालय का दर्जा देने वाला विधेयक विधानसभा और परिषद में पारित किया गया है। इसके अतिरिक्त बेंगलूरु अम्बेडकर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, अमिटी इंस्टीट्यूशन और सत्य साई इंस्टीट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंस को विश्वविद्यालय का दर्जा पाने के लिए मंत्रिमंडल से अनुमति का इंतजार है। आरवी ग्रुप तथा एमवीजे ग्रुप का आवेदन उच्चतर शिक्षा परिषद के पास लंबित है।
बेंगलूरु. राज्य का उच्चतर शिक्षा विभाग जल्द ही आठ उच्च शिक्षण संस्थानों को निजी विश्वविद्यालयों के रूप में चलाने की अनुमति वापस लेने के बारे में एक आधिकारिक निर्णय लेगा। इन शैक्षणिक संस्थानों को अनुमति मिले पांच साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक उनका संचालन शुरू नहीं हुआ है। इन संस्थानों को पूर्व में कई बार स्पष्टीकरण के लिए नोटिस भेजा जा चुका है, लेकिन उच्च शिक्षा कर्नाटक परिषद के अधिकारियों के मुताबिक उनमें से कुछ ने ही जवाब दिया है। अंतिम चरण के रूप में परिषद द्वारा राज्य सरकार को आगे की कार्रवाई करने के लिए कहा जाएगा। परिषद के कार्यकारी निदेशक प्रो. एस.ए. कोरी ने कहा कि इन संस्थानों को विश्वविद्यालय के रूप में चलाने की अनुमति पिछली सरकार द्वारा दी थी। अब इनका पांच साल हो गया है। विश्वविद्यालयों को निर्धारित समय सीमा के भीतर काम शुरू करना चाहिए था, लेकिन वे कार्यान्वित करने में विफल रहे हैं। इधर, कुछ संस्थानों का कहना है कि उन्हें अब तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से स्वीकृति नहीं मिली है। कुछ का यह भी कहना है कि उनका आवेदन लंबित है, जब तक यूजीसी से मान्यता नहीं मिल जाती, तब तक कार्य शुरू नहीं किया जा सकता। एक ओर कई संस्थान विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने के बाद भी कामकाज करने में विफल रहे हैं, वही दूसरी ओर निजी विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त करने की मांग बढ़ रही है। हाल ही, श्री धर्मस्थला मंजुनाथेश्वरा कॉलेज और ख्वाजा बंदे नवाजन संस्थान को निजी विश्वविद्यालय का दर्जा देने वाला विधेयक विधानसभा और परिषद में पारित किया गया है। इसके अतिरिक्त बेंगलूरु अम्बेडकर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, अमिटी इंस्टीट्यूशन और सत्य साई इंस्टीट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंस को विश्वविद्यालय का दर्जा पाने के लिए मंत्रिमंडल से अनुमति का इंतजार है। आरवी ग्रुप तथा एमवीजे ग्रुप का आवेदन उच्चतर शिक्षा परिषद के पास लंबित है।