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बैंगलोर

ऋण मुक्ति अध्यादेश की मंजूरी का इंतजार

मुख्यमंत्री पीडि़त परिजनों से मिलने शुक्रवार को पांडवपुर गए

बैंगलोरSep 30, 2018 / 08:11 pm

Ram Naresh Gautam

karnataka government

ऋण मुक्ति अध्यादेश की मंजूरी का इंतजार

बेंगलूरु. अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ आत्महत्या करने वाले मण्ड्या जिले के किसान नंदीश की परेशानियों से मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पूरी तरह अवगत थे। मुख्यमंत्री ने कर्ज के बोझ से दबे नदीश (35) की समस्या हल करने की बात भी उनसे कही थी। नदीश ने अपनी पत्नी कोमल (28 ) और बच्चे मनु (13) व चंदन (10) के साथ 22 सितंबर को आत्महत्या कर ली थी। मुख्यमंत्री पीडि़त परिजनों से मिलने शुक्रवार को पांडवपुर गए।
कुमारस्वामी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मंड्या के जिला प्रभारी मंत्री और जिलाधिकारी को निर्देश दिया था कि वे यह सुनिश्चित करें कि साहूकार नदीश को प्रताडि़त नहीं करें। उन्होंने नदीश से भी कहा था कि सरकार उसकी समस्याएं हल करेगी और इसके लिए कुछ न कुछ उपाय किए जाएंगे। नदीश के आत्महत्या पर दु:ख जाहिर करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि सरकार कर्नाटक ऋण राहत कानून लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसे फिलहाल राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है। वे पहले नदीश से मिले थे।
उसने बताया था कि उस पर 15 लाख रुपए का कर्ज है जो वह साहूकारों से बेहद ऊंची ब्याज दर पर ले रखा है। उसकी समस्याओं के हल का आश्वासन देने के साथ ही मंत्री और उपायुक्त से कहा था कि उसे पूर्ण सुरक्षा दी जाए लेकिन, पूरे परिवार ने आत्महत्या कर ली। सरकार ने राष्ट्रीयकृत बैंकों से कृषि ऋण से जुड़े सभी आंकड़े मुहैया कराने को कहा है। साथ ही बैंकों को निर्देश दिया गया है कि अगर कोई किसान ऋण अदा नहीं कर पा रहा है तो उसे परेशान नहीं करें। किसी भी किसान की परिसंपत्तियों को जब्त करने की कोशिश नहीं करें। पुलिस को भी निर्देश दिया गया है कि अगर किसी बैंक का प्रबंधक ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।

दैनिक ऋण योजना जल्द
उन्होंने कहा कि किसानों के ऋण माफ किए गए हैं और इसके लिए दूसरे क्षेत्र पर बोझ नहीं बढ़ाया गया है। रेहड़ी और खोमचे वालों के लिए ऊंची ब्याज दर वाले ऋण से बचाने के लिए सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं। इसके लिए मोबाइल बैंकिंग शुरू की जाएगी और उन्हें लघु अवधि के लिए ब्याज रहित ऋण दिए जाएंगे। ऋण-ब्याज-माफिया पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रेहड़ी या खोमचे वाले दैनिक आधार पर ऋण लेेते हैं। उधारदाता इस एक दिन के लिए उनसे काफी ब्याज वसूलते हैं। विशेष रूप से सब्जी बाजार में यह काफी प्रचलित हैं।

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