इसके अलावा पांच साल तक बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका के क्षेत्र में आने वाले भवनों और आईटी-बीटी कंपनियों से क्रमश: पीआरआर और आईटी-बीटी उपकर वसूले जाने का प्रस्ताव है।
११ हजार ९५० करोड़ की पीआरआर परियोजना के क्रियान्वयन के लिए बनाए गए विशेष निकाय (एसपीवी) की ओर से तैयार वित्त पोषण रिपोर्ट के मुताबिक डीजल पर २० पैसे का उपकर लगाकर पांच साल के दौरान १७५ करोड़ रुपए जुटाया जा सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक शहर में औसतन हर महीने करीब ७० हजार किलोलीटर डीजल और पेट्रोल की खपत है। ऐसे में २० पैसे प्रति लीटर उपकर लगाने पर हर वर्ष ३५ करोड़ रूपए का राजस्व आएगा। इसके अलावा पालिका क्षेत्र के भवनों और आईटी-बीटी उपकर से भी सालाना १५०-१५० करोड़ रुपए जुटाए जाने का प्रस्ताव है। रिपोर्ट के मुताबिक इन तीनों उपकरों से पांच साल के दौरान १६७५ करोड़ रुपए संग्रहित होगा।
११ साल पुरानी परियोजना
बीडीए ने ११ साल पहले शहर के मुख्य इलाकों और बाहरी इलाके में स्थित आईटी कंपिनयों के दफ्तरों और आवासीय इलाकों को अवरोध मुक्त यातायात की सुविधा उपलबध कराने के लिए पीआरआर का प्रस्ताव तैयार किया था। ६५.५ किमी की इस परियोजना में ८ लेन की सडक़ बनाए जाने का प्रस्ताव है।
पीआरआर इलेक्ट्रॉनिक सिटी, सर्जापुर, वरतूर, व्हाइट फील्ड, होसकोटे और देवनहल्ली स्थित कैंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गुजरेगी। रिपोर्ट के मुताबिक इस परियोजना को लागू करने पर प्रति किमी १८५ करोड़ रुपए की लागत आएगी। धन के अभाव के कारण बीडीए परियोजना के लिए भूमि अवाप्त करने की लागत जुटा पाने में विफल रहा है। बीडीए इसके लिए कई तरह के तरीके अपना चुका है। बीडीए ने वैश्विक स्वीस चैलेंज निविदा भी आमंत्रित कर चुका है लेकिन किसी बोलीदाता ने इसमें दिलचस्पी नहीं ली। बाद में बीडीए ने इस परियोजना को लागू करने के लिए भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण को भी जोडऩे की कोशिश की लेकिन प्राधिकरण ने भी इसमें रूचि नहीं दिखाई। इसके बाद बीडीए ने प्रधानमंत्री के ढांचागत विकास परियोजना के लिए शुरु किए गए भारतमाला परियोजना में भी इसें शामिल कराने की कोशिश की लेकिन यह भी फलदायी नहीं रहा।
मुद्रांक-पंजीयन शुल्क भी बढ़ाने का प्रस्ताव
बेंगलूरु महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (बीएम आरडीए) के भीतर आने वाली संपत्तियों पर 0.25 प्रतिशत मुद्रांक और संपत्ति पंजीकरण शुल्क लगाने का भी प्रस्ताव किया गया है। इससे पांच वर्ष में करीब ४०० करोड़ रुपए का राजस्व आएगा। साथ ही पीआरआर के दो से तीन किलोमीटर के क्षेत्र में विकसित होने वाले टाउनशिपों पर भी उपकर लगाने का प्रस्ताव है और इससे पांच वर्ष में ३०० करोड़ राजस्व जुटाया जाएगा। हालांकि, नए उपकर लगाने के लिए सरकार को कानून में बदलाव करना पड़ेगा।
पीआरआर का प्रस्तावित मार्ग
पीपीआर की शुरूआत तुमकूरु रोड पर नाइस रोड जंक्शन से होगी और यह बेंगलूरु के बाहरी हिस्सों से होते हुए होसूर रोड नाइस रोड तक जाएगी। कुल ६५.५ किमी की यह सडक़ आठ लेन की होगी और २१ अंडरपास तथा ३ फ्लाई ओवरों का निर्माण होगा। पीआरआर के पूरे रूट पर १२ जगहों पर टोल प्लाजा होगा जबकि हर आधे किलोमीटर पर पैदल यात्रियों के सडक़ पार करने क लिए क्रॉसिंग बनाया जाएगा। पैदल यात्रियों के ७ फ्लाईपास भी बनाने का प्रस्ताव है।