व्यक्ति जन्म से नहीं कर्म से महान बनता है-साध्वी महाप्रज्ञा
बेंगलूरु. वीवी पुरम स्थित महावीर धर्मशाला में गुरु दिवाकर केवल कमला वर्षावास समिति के तत्वावधान आयोजित धर्मसभा में साध्वी महाप्रज्ञा ने कहा कि व्यक्ति जन्म से नहीं कर्म से महान बनता है। उन्होंने भगवान महावीर की अंतिम वाणी उत्तराध्ययन सूत्र की विवेचना करते हुए कहा कि इंसान की महिमा उसके रंग रूप, वैभव, धन, दौलत, बल, शक्ति, जाति, ऐश्वर्य से नहीं बल्कि उसके सद्गुणों से है। उन्होंने कहा कि संसार में काम भोग काल से क्षण भर के लिए सुख थोड़ा और दुख अधिक देने वाले हैं। जो रात्रियां बीत जाती हैं वे वापस लौटकर नहीं आती है। जो संसार में धर्म आराधना कर लेता है उसकी रात्रियां सफल हो जाती हैं।
साध्वी डॉ. कुमुदलता ने संयम की महत्त्ता पर प्रकाश डालते हुए वैरागिन अदिति जैन के संयम मार्ग पर आगे बढऩे के लिए तैयार होने पर शुभकामनाएं दीं। साध्वी डॉ. पदमकीर्ति ने श्रद्धालुओं से २६ अक्टूबर को होने वाले घंटाकर्ण महावीर जाप अनुष्ठान में भाग लेने को कहा। शुरुआत में साध्वी राजकीर्ति ने महावीर वाणी उत्तराध्ययन सूत्र के मूल अध्ययनों का वाचन किया। इस अवसर पर वैरागिन अदिति जैन का बहुमान किया गया।
बेंगलूरु. वीवी पुरम स्थित महावीर धर्मशाला में गुरु दिवाकर केवल कमला वर्षावास समिति के तत्वावधान आयोजित धर्मसभा में साध्वी महाप्रज्ञा ने कहा कि व्यक्ति जन्म से नहीं कर्म से महान बनता है। उन्होंने भगवान महावीर की अंतिम वाणी उत्तराध्ययन सूत्र की विवेचना करते हुए कहा कि इंसान की महिमा उसके रंग रूप, वैभव, धन, दौलत, बल, शक्ति, जाति, ऐश्वर्य से नहीं बल्कि उसके सद्गुणों से है। उन्होंने कहा कि संसार में काम भोग काल से क्षण भर के लिए सुख थोड़ा और दुख अधिक देने वाले हैं। जो रात्रियां बीत जाती हैं वे वापस लौटकर नहीं आती है। जो संसार में धर्म आराधना कर लेता है उसकी रात्रियां सफल हो जाती हैं।
साध्वी डॉ. कुमुदलता ने संयम की महत्त्ता पर प्रकाश डालते हुए वैरागिन अदिति जैन के संयम मार्ग पर आगे बढऩे के लिए तैयार होने पर शुभकामनाएं दीं। साध्वी डॉ. पदमकीर्ति ने श्रद्धालुओं से २६ अक्टूबर को होने वाले घंटाकर्ण महावीर जाप अनुष्ठान में भाग लेने को कहा। शुरुआत में साध्वी राजकीर्ति ने महावीर वाणी उत्तराध्ययन सूत्र के मूल अध्ययनों का वाचन किया। इस अवसर पर वैरागिन अदिति जैन का बहुमान किया गया।