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बैंगलोर

व्याख्याताओं की कमी से जूझता बेंगलूरु केंद्रीय विश्वविद्यालय

बेंगलूरु विश्वविद्यालय (बीयू) के विभाजन से अस्तित्व में आए बेंगलूरु केंद्रीय विश्वविद्यालय तीन वर्ष बाद भी व्याख्याताओं की कमी से जूझ रहा है। आधे से भी कम व्याख्याता हैं और करीब 10 फीसदी गैर शैक्षणिक कर्मचारियों से ही बीसीयू का संचालन हो रहा है। बीसीयू को 12 ‘बी’ ग्रेड की संबद्धता नहीं होने से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से प्रत्येक वर्ष मिलने वाले लाखों रुपए के आर्थिक अनुदान से वंचित होना पड़ रहा है।

बैंगलोरOct 22, 2019 / 03:50 pm

Nikhil Kumar

व्याख्याताओं की कमी से जूझता बेंगलूरु केंद्रीय विश्वविद्यालय

व्याख्याताओं की कमी से जूझता बेंगलूरु केंद्रीय विश्वविद्यालय

– 32 में से 18 की ही हुई नियुक्ति
– गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की भी कमी
– संबद्धता और अनुदान पर भी आफत

बेंगलूरु.

Bengaluru University (बीयू) के विभाजन से अस्तित्व में आया Bengaluru Central University (बीसीयू) लगातार प्रशासनिक व शैक्षणिक समस्याओं से जूझ रहा है। अब तो संबद्धता (Affiliation) खोने पर आ बनी है। इसका कारण है कि बीसीयू (BCU) में आधे से भी कम व्याख्याता (Lecturer) हैं और करीब 10 फीसदी गैर शैक्षणिक कर्मचारियों से ही बीसीयू का संचालन हो रहा है। वहीं, बीसीयू ने आठ सामाजिक विज्ञान और तीन विज्ञान विभाग शुरू किया है, जिसके लिए व्याख्याता और अन्य कर्मचारी चाहिए।

अधिकारियों के अनुसार बीसीयू के अस्तित्व में आने के कुछ महीने बाद ही उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) से रिक्त पदों पर नियुक्ति कि अपील की गई थी। लेकिन, नियुक्तियां नहीं हुईं। इसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। बीसीयू को 12 ‘बी’ ग्रेड की संबद्धता नहीं होने से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grant Commission) से प्रत्येक वर्ष मिलने वाले लाखों रुपए के आर्थिक अनुदान (Grant) से वंचित होना पड़ रहा है।

प्रतिनियुक्ति पर हैं व्याख्याता
बीसीयू में 32 व्याख्याता होने चाहिए लेकिन 18 व्याख्याता ही कार्यरत हैं। बीयू ने इन्हें प्रतिनियुक्ति पर भेजा है। बीसीयू को न्यूनतम 18 व्याख्याता और चाहिए। यूजीसी दो बार नोटिस भेज छह माह में रिक्त पदों पर नियुक्तियां करने के निर्देश दे चुका है। वहीं, अगले कुछ सप्ताह में यूजीसी की टीम निरीक्षण के लिए आ सकती है। विवि को 12 ‘बी’ ग्रेड की संबद्धता नहीं होने से यूजीसी से प्रत्येक वर्ष मिलने वाले लाखों रुपए के आर्थिक अनुदान से वंचित होना पड़ रहा है

घबराने की जरूरत नहीं
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. अश्वथनारायण (Dr. Ashwathnarayan) के अनुसार संबद्धता खोने की बात अफवाह है। रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। बीसीयू, इससे संबद्ध कॉलेजों, विद्यार्थियों और अभिभावकों को घबराने की जरूरत नहीं है।

12 ‘बी’ के बदले 2 ‘एफ’ ग्रेड की संबद्धता
बीसीयू के कुलपति प्रो. एस.जफेट ने बताया कि यूजीसी से आर्थिक अनुदान के लिए बीसीयू के पास 12 ‘बी’ ग्रेड की संबद्धता होनी चाहिए। लेकिन बीसीयू के पास 2 ‘एफ’ ग्रेड की संबद्धता है। ऐसे में बीसीयू और इससे संबद्ध कॉलेजों को यूजीसी से अनुदान मिलने की कोई गुंजाइश नहीं है। उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर मौजूदा स्थिति से अवगत करा चुका हूं। व्याख्याताओं की नियुक्ति आवश्यक है।

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