निगम अधिकारियों का कहना है कि मेट्रो ट्रेनों और स्टेशनों पर गंदगी फैलाने जैसी कोई समस्या नहीं है। हालांकि कुछ मामलों में मेट्रो स्टेशन परिसर के बाहर कुछ यात्री या अन्य लोग मामूली कचरा फेंकते हैं। इससे कई बार मेट्रो स्टेशन परिसर के प्र्रवेश निकास द्वार या आसपास पर कचरा पसरा दिखता है। इसलिए यात्रियों को ऐसा न करने के प्रति जागरुक करने व उन्हें अन्य लोगों को भी जागरुक करने का निर्णय किया है।
मेट्रो ट्रेन और स्टेशनों पर खाने पीने पर प्रतिबंध है। फल, स्नेक्स, बिस्कुट, आइस्क्रीम, चिप्स या फिर बोतलबंद कोल्ड ड्रिंक्स-जूस आदि पीने पर प्रतिबंध है। हालांकि, इसके बाद भी कुछ यात्री ऐसा करते दिखते हैं। अधिकारियों का कहना है कि कई बार ऐसा करने वाले यात्री सीसीटीवी की नजर में आते हैं लेकिन वे कचरा नहीं फैलाते हैं। इसलिए कोई जुर्माना नहीं लगाया जाता।
गंदगी फैलाने पर जुर्माना
निगम के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी बी एल यशवंत चव्हाण ने कहा कि मेट्रो में गंदगी फैलाने पर 250 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, अभी तक ऐसा कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया है। मेट्रो की ग्रीन और पर्पल लाइनों पर रोजाना ४ लाख से अधिक यात्री सफर करते हैं लेकिन स्वच्छता के प्रति सभी सजग दिखते हैं। इसके बावजूद नए यात्रियों या दैनिक यात्रियों को मेट्रो की स्वच्छता के प्रति जागरुक करने के लिए संदेश प्रचारित किए जा रहे हैं। साथ ही हर स्टेशन पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों से सभी पर नजर रखी जात है जो सुरक्षा के साथ ही गंदगी फैलाने वालों को भी रोकने में कारगर है।
निगम के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी बी एल यशवंत चव्हाण ने कहा कि मेट्रो में गंदगी फैलाने पर 250 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, अभी तक ऐसा कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया है। मेट्रो की ग्रीन और पर्पल लाइनों पर रोजाना ४ लाख से अधिक यात्री सफर करते हैं लेकिन स्वच्छता के प्रति सभी सजग दिखते हैं। इसके बावजूद नए यात्रियों या दैनिक यात्रियों को मेट्रो की स्वच्छता के प्रति जागरुक करने के लिए संदेश प्रचारित किए जा रहे हैं। साथ ही हर स्टेशन पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों से सभी पर नजर रखी जात है जो सुरक्षा के साथ ही गंदगी फैलाने वालों को भी रोकने में कारगर है।