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बैंगलोर

बैंक अधिकारी कन्फेडरेशन ने मनाया बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस

सार्वजनिक बैंकों पर मंडरा रहा निजीकरण का खतरा

बैंगलोरJul 19, 2023 / 06:49 pm

Yogesh Sharma

बैंक अधिकारी कन्फेडरेशन ने मनाया बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस

बैंक अधिकारी कन्फेडरेशन ने मनाया बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस

बेंंगलूरु. अखिल भारतीय बैंक अधिकारी महासंघ ने राष्ट्र निर्माण में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की अमूल्य भूमिका को कायम रखते हुए 55वां बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस मनाया। भारत में 55वें बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस के अवसर पर तीन लाख से अधिक बैंक अधिकारियों की सामूहिक आवाज का प्रतिनिधित्व करने वाले ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी) ने उस ऐतिहासिक निर्णय पर जोर दिया, जिसने देश में सार्वजनिक क्षेत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका का मार्ग प्रशस्त किया।
ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कन्फेडरेशन के कर्नाटक राज्य सचिव गिरीराजा के. एन. ने बुधवार को यहां प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में बताया कि 1989 में बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने, बचत जुटाने और कृषि, छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई) शिक्षा और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में धन लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाले और लाखों भारतीयों को बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने वाले स्तंभ रहे हैं। सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन; जिसमें हाल ही में घोषित पेंशन और बीमा योजनाएं भी शामिल हैं। 7 वर्षों में 2 लाख करोड़ रुपए के 43 करोड़ मुद्रा ऋण वितरित किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश पीएसबीएस द्वारा दिया गया है।सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर निजीकरण का खतरा मंडरा रहा है. यह एक वैचारिक संघर्ष है जिसे वैकल्पिक विचारधारा का समर्थन करके दूर किया जा सकता है जो बड़ी मानव आबादी के कल्याण को प्राथमिकता देती है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में भर्ती की अपर्याप्तता ने मौजूदा कार्यबल पर जबरदस्त दबाव डाला है, जिससे वे आवश्यक अवकाश और कार्य-जीवन संतुलन से वंचित हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि राष्ट्र-निर्माण के लिए अपना करियर समर्पित करने वाले सेवानिवृत्त बैंक अधिकारियों की पेंशन को सरकारी और आरबीआई अधिकारियों के बराबर नहीं किया गया है। उन्होंने सेवानिवृत्त बैंक अधिकारियों की पेंशन व अन्य परिलाभ सरकारी अधिकारियों के समान करने की मांग की।
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