पुलिस के अनुसार मिलिंद (28) नामक युवक शराब के नशे में बरसात से बचने के लिए पहले तो मस्जिद में गया लेकिन वहां सोना ठीक नहीं समझकर वहां से वह बैनर उठाकर उससे खुद को ढकने की कोशिश की। बैनर लेकर बाहर आने पर उसे गलती का एहसास हुआ और उसने वह बैनर शंकराचार्य की प्रतिमा पर फेंक दिया था।
बता दें कि बैनर को सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (sdpi) का झंडा मानकर कुछ भाजपा नेताओं ने इसका विरोध किया था और जांच की मांग की थी। चिकमगलूरु के एसपी एच. अक्षय मचिन्द्र ने बताया कि बेंगलूरु में हुए दंगे के परिप्रेक्ष्य में मामले की गम्भीरता व संवेदनशीलता को देखते हुए जांच के लिए टीम का गठन किया गया। जांच में पता चला कि पास की मस्जिद से बैनर गायब थे। बाद में पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से मिलिंद को खोज निकाला जिसने वहां से बैनर लिया था। मिलिंद ने स्वीकार किया है कि उसने अनजाने में यह गलती की।
पुलिस के अनुसार मिलिंद किसी राजनीतिक पार्टी या संगठन का सदस्य नहीं है। कुछ साल पहले उसके खिलाफ चोरी के दो मामले दर्ज किए जा चुके हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।