बीबीएमपी के आयुक्त मंजुनाथ प्रसाद के मुताबिक बोर्ड के गठन का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है। कचरा निस्तारण बोर्ड बनने के बाद ही बीबीएमपी शहर के मूलभूत ढांचे में सुधार, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्ट्रीट लाइट जैसे उत्तरदायित्वों का निवाह कर सकेगा।विश्व के कई शहरों में कचरा निस्तारण के अलग बोर्ड हैं। कचरे को कहीं पर डंप करने के बदले इससे कंपोस्ट खाद तथा बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। कचरा निस्तारण से केवल 50 करोड़ रुपए संग्रहित किए जा रहे हैं जबकि इस कार्य पर बीबीएमपी प्रति वर्ष 1000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर रही है।
बीबीएमपी ने बिजली शुल्क के साथ-साथ कचरे के निस्तारण के लिए प्रति मकान से मासिक 200 रुपए का शुल्क वसूलने का प्रस्ताव भी राज्य सरकार को भेजा है। इस राजस्व से कचरा निस्तारण बोर्ड अपना खर्च उठा सकता है। लगभग 800 वर्ग किलोमीटर में फैली सिलिकॉन सिटी में कचरा निस्तारण की समस्या गंभीर होती जा रही है।
कचरा निस्तारण सहीं ढंग से नहीं होने के कारण बेंगलूरु शहर कई बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रहा है। कचरा निस्तारण पर प्रति वर्ष करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद इस समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। लिहाजा बीबीएमपी चाहती है कि इस कार्य को किसी प्रोफेशनल ऐजेंसी को सौंपा जाए।