बेंगलूरु. करीब दो महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में भाजपा हिंदुत्व और गोरक्षा के मुद्दे को भुनाने की तैयारी में जुट गई है। प्रदेश भाजपा गोरक्षा प्रकोष्ठ की ओर से 2 फरवरी को बेंगलूरु में गोरक्षा अष्टयाम यज्ञ करवाने की घोषणा की है। इस यज्ञ का उद्देश्य गाय की महत्ता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए गोवंश की रक्षा के बारे में लोगों को जागरुक करना बताया जा रहा है। हालांकि, राजनीतिक हलकों में इसे भाजपा के चुनावी एजेंडे के तौर पर देखा जा रहा है। यज्ञ का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेंगलूरु दौरे से ठीक दो दिन पहले हो रहा है। मोदी 4 फरवरी को बेंगलूरु में भाजपा की परिवर्तन यात्रा के समापन पर आयोजित रैली को संबोधित करेंगे।
चौबीस घंटे तक चलने वाले यज्ञ का आयोजन जे पी नगर के एक मैदान में होगा और इसमें भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भाग लेंगे। इन नेताओं में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी एस येड्डियूरप्पा और केंद्रीय मंत्री एच एन अनंत कुमार शामिल हैं। प्रदेश भाजपा गोरक्षा प्रकोष्ठ की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक यज्ञ के दौरान अखंड रामायण पाठ के साथ श्रीराम विवाह की नृत्य नाटिका का मंचन भी होगा। इसके लिए सीता की जन्मस्थली माने जाने वाले जनकपुर से विशेष टीम बुलाई जाएगी।
प्रकोष्ठ के संयोजनक सिद्धार्थ गोयनका ने कहा कि हम लोगों को गोरक्षा के प्रति इसलिए जागरुक करना चाहते हैं क्योंकि यह पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक है। कांग्रेस ने भाजपा के इस आयोजन को मतों के धु्रवीकरण की कवायद करार दिया है। प्रदेश कांग्र्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस में काफी अंतर है। हम गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा और युवाओं के सशक्तिकरण की बातें करते हैं जबकि भाजपा को इन सबसे कोई लेना-देना नहीं है। भाजपा ने परिवर्तन यात्रा में भी इन मसलों पर कोई चर्चा नहीं की। भाजपा के पास कोई एजेंडा नहीं है। अब भाजपा यज्ञ को लेकर आई है, यह लोगों को भावनाओं के भुनाने की कोशिश मात्र है।
गौरतलब है कि पिछले कई एक महीने के दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच हिंदुत्व, गोरक्षा और बीफ को लेकर तीखी बयानबाजी के साथ ही सोशल मीडिया पर तीखी बयानबाजी हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने बेंगलूरु के पिछले दौरे के दौरान मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के खुद के हिंदुत्व होने के दावे पर तंज करते हुए कहा था कि अगर वे खुद को हिंदू मानते हैं तो बीफ खाने की वकालत करते कैसे करते हैं। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने बीफ पर अलग-अलग राज्यों में भाजपा के रूख को लेकर निशाना साधा था। हालांकि, कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस नेताओं को पिछले सप्ताह हिंदुत्व और बीफ को लेकर भाजपा पर प्रहार नहीं करने का निर्देश दिया था।
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